गर्भवती महिला को छह किलोमीटर कंधे पर ले गए सीआरपीएफ जवान, पेश की मिसाल
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में एक गर्भवती महिला की मदद कर प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है।
बीजापुर, एएनआइ। हर भारतीय को सेना के जवानों पर गर्व महसूस होता है, इसमें कोई दो राय नहीं है। सेना के जवान हर भारतीय की सुरक्षा और मदद के लिए हर पल तैयार रहते हैं। ताजा उदाहरण छत्तीसगढ़ के बीजापुर का है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में एक गर्भवती महिला की मदद कर प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है।
बीजापुर जिले के पड़ेड़ा गांव में एक गर्भवती महिला को तेज दर्द होने लगा। ऐसे में गांववालों को समझ में नहीं आ रहा था कि महिला को गांव से मुख्य सड़क तक कैसे पहुंचाया जाए। दरअसल, गांव से मुख्य सड़क के बीच की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है और रास्ता कच्चा। पक्का रास्ता न होने के कारण मुख्य सड़क से गांव तक जाने के लिए कोई वाहन भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सीआरपीएफ के जवान इस गर्भवती महिला के लिए फरिस्ते बनकर पहुंचे। सीआरपीएफ के जवानों ने महिला को चारपाई पर लादकर सड़क तक पहुंचाया। जवानों ने लगभग छह किलोमीटर तक महिला को कंधे के सहारे सड़क तक पहुंचाया और उसकी जान बचा ली।
छत्तीसगढ़ में गांववालों और सीआरपीएफ के बीच संबंध अच्छे हैं। सीआरपीएफ की टीमें लगातार गांवों में पेट्रोलिंग करती है। गांव के लोग जवानों पर काफी भरोसा भी करते हैं। खबर के अनुसार, सीआरपीएफ की 85वीं बटैलियन पड़ेड़ा के जंगलों में पट्रोलिंग कर रही थी। इस दौरान स्थानीय लोगों ने कंपनी कमांडर अवनिशा राय को बताया गया कि एक गर्भवती महिला की तबीयत खराब है, उसे तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की जरूरत है। ऐसे में जवानों ने तुरंत ही एक चारपाई ली और उसमें रस्सी और बांस बांधकर उसे पालकी जैसा बना लिया। इसी पालकीनुमा चारपाई पर सीआरपीआएफ की टीम महिला को छह किलोमीटर तक ले गई।
पीएम मोदी ने भी की थी जवानों की तारीफ
पिछले दिनों कश्मीर में भी एक ऐसा वाक्या देखने को मिला था, जब घुटनों-घुटनों जमी बर्फ के बीच सेना के जवानों ने एक महिला को अस्पताल पहुंचाया था, तक पीएम मोदी ने ट्वीट करके लिखा था कि हमारी सेना को उसकी वीरता और प्रोफेशनलिज्म के लिए जाना जाता है और मानवता के लिए भी। जब भी लोगों को जरूरत होती है, हमारी सेना हर संभव चीज करती है। हमारी सेना पर गर्व है।