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बदल गई बरसों पुरानी प्रक्रिया, वाट्सएप में टिक मार्क ब्लू यानी हाई कोर्ट का ई-नोटिस तामिल

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट देश में पहला कोर्ट रहा जिसने जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने के लिए ई नेशनल लोक अदालत आयोजित कर समझौता प्रकरणों की सुनवाई की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 10:48 PM (IST)
बदल गई बरसों पुरानी प्रक्रिया, वाट्सएप में टिक मार्क ब्लू यानी हाई कोर्ट का ई-नोटिस तामिल
बदल गई बरसों पुरानी प्रक्रिया, वाट्सएप में टिक मार्क ब्लू यानी हाई कोर्ट का ई-नोटिस तामिल

बिलासपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। तकनीकी और कोरोना वायरस ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की बरसों पुरानी डाक से नोटिस तामिल की प्रक्रिया को भी बदल दिया है। अब लिफाफा के बजाय सोशल मीडिया विशेषकर वाट्सएप के जरिए समन की तामिली की जा रही है। वाट्सएप अप में टिक मार्क ब्लू हुआ यानी नोटिस तामिल मान लिया जा रहा है।

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ईमेल में भी इसी तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिसमें मेल देखे जाते ही उसकी सूचना मिल जाती है। वर्तमान में आठ कोर्टों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रतिदिन औसतन 350 सुनवाई हो रही है। कुछ विशेष प्रकरणों की ओपन कोर्ट में सुनवाई हो रही है। हर कोर्ट में प्रतिदिन 40 से 50 मामलों की ई-सुनवाई हो रही है। 

देश का पहला हाईकोर्ट जिसने सफलतापूर्वक आयोजित की ई नेशनल लोक अदालत 

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट देश में पहला कोर्ट रहा जिसने जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने के लिए ई नेशनल लोक अदालत आयोजित कर समझौता प्रकरणों की सुनवाई की। प्रदेशभर में इसके लिए 219 खंडपीठों का गठन किया गया था। इस दौरान 2,270 प्रकरणों की सुनवाई हुई और 43.50 करोड़ रुपये के अवार्ड भी पारित किए गए। अवार्ड पारित करने के कोर्ट ने मानवीय पक्षों को ध्यान में रखा।

इसके पीछे मुख्य उद्देश्य कोरोना संक्रमण काल में उन जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाना था जिनके मुखिया की सड़क दुर्घटना या कारखानों में काम के दौरान मौत हो गई है और क्षतिपूर्ति मुआवजा का मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित था। ई लोक अदालत में ऐसे प्रकरणों की प्राथमिकता के साथ सुनवाई की गई। ई लोक अदालत में अपीलार्थी और पक्षकारों के वकील वर्चुअल सुनवाई में शामिल हुए। अपीलार्थी और पक्षकारों को कोर्ट आने की मनाही कर दी गई थी। पारित अवार्ड की कॉपी संबंधित वकील के ई मेल पर चौबीस घंटे के भीतर भेजी गई थी। 

ग्रीष्मकालीन अवकाश को किया रद 

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लंबित मामलों के निराकरण के लिए हाई कोर्ट ने डेढ़ माह के ग्रीष्मकालीन अवकाश को भी रद कर दिया था। इस दौरान वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से प्रकरणों की सुनवाई की गई। ई-संपर्क क्रांति ने लाई क्रांति आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को कानूनी मदद देने में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इतिहास रचा। यहां जरूरतमंदों को कानूनी सलाह के साथ ही कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए ई संपर्क क्रांति योजना के तहत नामी और चुनिंदा वकील उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने एप बनाया है। इसमें राज्य के चुनिंदा वकीलों के नाम और मोबाइल नंबर हैं। इसके जरिए कानूनी सलाह मिल रही है।


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