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Positive India :जानें, चेन्नई को गंभीर पानी संकट से उबारने के लिए क्या कर रहे हैं ‘रेन मैन’ शेखर राघवन

‘रेन मैन’ डॉ शेखर राघवन दक्षिण भारत के उस शहर की आस बन चुके हैं जो अक्सर पानी की कमी की वजह से सुर्खियों में आ जाता है। वह चेन्नई में पानी की इस समस्या का हल तलाशने में लगे हैं।

By Vineet SharanEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 09:18 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 09:20 AM (IST)
Positive India :जानें, चेन्नई को गंभीर पानी संकट से उबारने के लिए क्या कर रहे हैं ‘रेन मैन’ शेखर राघवन
Positive India :जानें, चेन्नई को गंभीर पानी संकट से उबारने के लिए क्या कर रहे हैं ‘रेन मैन’ शेखर राघवन

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। ‘रेन मैन’ के नाम से मशहूर डॉ शेखर राघवन दक्षिण भारत के उस शहर की आस बन चुके हैं, जो अक्सर पानी की कमी की वजह से सुर्खियों में आ जाता है। चेन्नई में पानी की इस किल्लत का परिणाम यह हुआ कि शहर की लगभग चालीस लाख से अधिक आबादी के लिए एकमात्र आसरा सरकारी पानी टैंकर ही बचा है। वहां पानी का स्तर भी इतना नीचे जा चुका है कि जमीन से पानी निकालना भी आसान काम नहीं रह गया है। बीते साल पानी संकट की वजह से स्कूलों के घंटे आधे कर दिए गए थे और कंपनियों ने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा था। चेन्नई के ये ‘रेन मैन’ राघवन बीते 25 सालों से चेन्नई में पानी की इस समस्या का हल तलाशने में लगे हैं।

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चेन्नई स्थित रेन सेंटर के डायरेक्टर 72 वर्षीय डॉ. राघवन को तमिलनाडु में रेन हार्वेस्टिंग को मुहिम का रूप देने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 1995 में घर-घर जाकर लोगों को रेन हार्वेस्टिंग से जोड़ने के अभियान के साथ अपने सफर की शुरुआत की थी। डॉ. राघवन ने अनेक परिवारों की सिस्टम लगाने में मदद की। तमिलनाडु सरकार ने उनके प्रयासों को सराहा और उन्हें अपने साथ शामिल किया। डॉ. राघवन के प्रयासों से साल 2002 में आकाश गंगा ट्रस्ट ने चेन्नई में रेन वॉटर सेंटर शुरू किया, जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता के हाथों हुआ था।

हाल में उनके रेन सेंटर ने भू-जल स्रोतों के किफायती उपयोग के लिए नई पहल प्रारंभ की गई है, जिसके तहत समाजसेवा से जुड़ी संस्थाओं को अपने परिसरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस उम्र में भी डॉ. राघवन स्कूलों में जाकर छात्रों को वर्षाजल बचाने के फायदे बताते हैं।

डॉक्टर राघवन वाटर हार्वेस्टिंग में मदद के लिए कोई फीस नहीं लेते हैं। वह बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से रोजाना उनसे दस-पांच लोग इसी मसले पर मुलाकात कर रहे हैं। उनका सिर्फ एक मकसद रहता है- रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के बारे में विमर्श करना। पहले उनकी बातों को लोग नज़रअंदाज कर देते थे, लेकिन मुसीबत आने पर अब उनका कहा किसी भी कीमत पर मानने को तैयार हैं।

डॉ राघवन शुरू से ही चेन्नई में रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर देते रहे हैं। वह चाहते हैं कि यहां के लोगों को बरसात के दिनों में सामुदायिक स्तरों पर जल संग्रह करना चाहिए। वे आखिर कब तक चार गुना अधिक पैसे देकर टैंकरों से पानी खरीदते रहेंगे। पानी की कमी के कारण ही स्कूलों में काम के घंटे घटा दिए गए हैं। यहां की कंपनियां अपने कर्मचारियों से घर पर रहकर काम करने के लिए कह रही हैं। इस भीषण जलसंकट ने अमीरों को भी फटेहाल बनाकर रख दिया है। उनके पास पैसे हैं, पर पानी नहीं, ऐसे में वे खरीदें भी तो कहां से।

केंद्रीय मंत्री ने की तारीफ, जताया आभार

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तमिलनाडु के रेन मैन कहे जाने वाले डॉ. शेखर राघवन का रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के प्रति जन जागरूकता फैलाने के लिए आभार जताया है। शेखावत ने जानना चाहा कि डॉ. राघवन ने कैसे घर-घर जागकर आमजन को बारिश का पानी जमा करने लिए मनाया। जलशक्ति मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि चेन्नई आने पर वे उनसे जरूर मिलेंगे और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। डॉ. राघवन ने बताया कि वे पहली बार किसी केंद्रीय मंत्री से सीधे बात कर रहे थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि दिल्ली से ऐसा कोई फोन आएगा। 


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