छत्तीसगढ़: सड़क की जर्जर हालत से हताश होकर अब देवी-देवताओं से भजन के जरिए लगा रहे सुधार की गुहार
सीतापुर नेशनल हाइवे क्रमांक 43 की दुर्दशा से कई सालों से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। इस निर्माणाधीन नेशनल हाईवे ने तो इस बारिश में लोगों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है।
अंबिकापुर, हिमांशु। सीतापुर नेशनल हाइवे क्रमांक 43 की दुर्दशा से कई सालों से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। इस निर्माणाधीन नेशनल हाईवे ने तो इस बारिश में लोगों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। जगह-जगह डायवर्सन भारी बारिश में बह गया है और सड़क में कटाव के कारण आवागमन बंद है। सीतापुर विधानसभा क्षेत्र प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का क्षेत्र है, वह खुद लगातार इस सड़क की दुर्दशा को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाते नजर आते हैं और जब भी सीतापुर प्रवास पर पहुंचते हैं नेशनल हाईवे की दुर्दशा का जायजा लेने निकले मंत्री...! जैसी खबरें आते रहती हैं।
पिछले कई सालों से बतौर विधायक और अब मंत्री के रूप में अमरजीत भगत अधिकारियों पर सड़क की हालत को ले बरसते नजर आए हैं और सड़क पर बैठ कई आंदोलन भी किए हैं, पर सड़क की दुर्दशा नहीं सुधरी। सरगुजा के लिए नासूर बने इस नेशनल हाईवे को लेकर अब स्थानीय गायकों ने अब गीतों की भी रचना शुरू कर दी है। अंबिकापुर के लोक गायक गोपाल पांडेय ने यूट्यूब व फेसबुक पर सीतापुर सड़क को लेकर एक म्यूजिक वीडियो जारी किया है, जिसको लोग खूब लाइक कर रहे हैं और सरकार को कोस रहे हैं। गोपाल पांडेय ने सीतापुर सड़क की दुर्दशा और लोगों की परेशानी को वीडियो के साथ "मोर महामाई... मोर समलाई...मोर कुदरगढ़ी... बमलाई वो..... सीतापुर के रोड ल बनवा दे दाई वो....
गीत की रचना कर खुद की आवाज में म्यूजिक वीडियो यूट्यूब और फेसबुक पर पोस्ट किया है। इस म्यूजिक वीडियो से ही सड़क की दुर्दशा का अनुमान लगाया जा सकता है। वीडियो में डायवर्सन टूटने के बाद लोग कैसे मोटरसाइकिल व अन्य वाहन लोगों की मदद से पानी के तेज बहाव में पार कर रहे हैं व कई भारी वाहन कैसे सड़कों पर फंसे हैं इन सभी चीजों को दिखाया गया है। गौरतलब है कि ब्रिटिश काल में इस सड़क का निर्माण कटनी (मध्यप्रदेश), गुमला (झारखंड) आवागमन के लिए किया गया था।
सिंगल लेन इस सड़क को अटलबिहारी बाजपेयी सरकार के दौरान नेशनल हाइवे घोषित किया गया। कटनी से मनेंद्रगढ़ होते हुए अंबिकापुर तक तो यह सड़क धीरे-धीरे चौड़ी हो गई और ठीक भी है पर अंबिकापुर से सीतापुर तक कि यह सड़क कई दशक से बनी ही नहीं। वर्षों से सड़क को लेकर आंदोलन होते रहे और 5 वर्ष पूर्व सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार से बड़ी राशि मंजूर हुई। जिस कंपनी को सड़क निर्माण का ठेका मिला था वह कंपनी आधा काम कर भाग गई और दिवालिया घोषित हो गई। इसके बाद एक और कंपनी को काम मिला पर उसने स्थानीय बकाया भुगतान को देखते हुए काम करने से हाथ खड़ा कर दिया। एक अन्य कंपनी को काम पर लगाया गया और यह कंपनी संसाधन की कमी के कारण सड़क के निर्माण तेजी नहीं ला पा रही।