चारधाम सड़क परियोजना में फर्जीवाड़ा, सरकार ने रद किया सड़क निर्माण का ठेका
सड़क मंत्रालय ने उत्तराखंड में एनएच-7 पर चारधाम परियोजना से जुड़ी सड़क के निर्माण में फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी को कांट्रैक्ट रद करने का नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सड़क मंत्रालय ने उत्तराखंड में एनएच-7 पर चारधाम परियोजना से जुड़ी सड़क के निर्माण में फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी को कांट्रैक्ट रद करने का नोटिस जारी किया है।
इस संयुक्त उद्यम कंपनी एनपीसीसी-जेसीपीएल को एनएच-7 (पुराना नाम एनएच-58) पर सिंगधार पुल (किलोमीटर 489.35) से विष्णुप्रयाग ( किलोमीटर 491.6) के बीच सड़क के निर्माण, उच्चीकरण के साथ भूस्खलन रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। चारधाम परियोजनाओं के तहत ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) के आधार पर दिया गया यह ठेका उत्तराखंड के तीर्थस्थलों को बारामासी सड़कों से जोड़ने की सरकार की योजना का हिस्सा है।
परियोजना के तहत कंपनी को दो लेन की मौजूदा सड़क की मरम्मत के अलावा कुछ नई सड़क निर्माण का निर्माण करना था तथा साथ ही पहाड़ों से होने वाले भूस्खलन को रोकने के पुख्ता इंतजाम भी करने थे। लेकिन मंत्रालय के मुताबिक कंपनी 22 सितंबर, 2018 में किए गए अनुबंध की शर्तो का पालन करने में असमर्थ रही है।
अनुबंध की शर्तो के अनुसार एनपीसीसी को परियोजना के सर्वे और जांच से लेकर डिजाइन तैयार करने तथा इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण और रखरखाव तक के सारे कार्य करने थे। साथ ही लेनदेन में ईमानदारी बरतनी थी। लेकिन एक तो कंपनी ने 5 करोड़ 27 लाख 40 हजार रुपये की सिक्यूरिटी बैंक गारंटी जमा करने में देर लगाई। दूसरे, जब जारीकर्ता बैंक (स्टेट बैंक, जेवीपीडी स्कीम ब्रांच, जुहू, मुंबई) से इसकी जांच कराई गई तो उक्त गारंटी को फर्जी पाया गया।
बाद में एनपीसीसी ने अपने संयुक्त उद्यम साझेदार जेसीपीएल द्वारा की गई गड़बड़ी को स्वीकार किया तथा 5 दिसंबर, 2018 को इंडियन ओवरसीज बैंक, सेक्टर-18, गुरुग्राम की ओर से उक्त राशि के बराबर गारंटी वाला एक नया बीजी बांड भेजा।