यातायात को लेकर लोगों की आदतों में आया बदलाव, पैदल चलने और साइकिल से आने-जाने का बढ़ा इस्तेमाल
शहरी विकास मंत्री पुरी सोमवार को यहां शहरी परिवहन के उभरते चलन पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद देश में परिवहन व्यवस्था और लोगों की आदतों में भारी बदलाव की संभावना है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद भारत में शहरी यातायात व्यवस्था को लेकर लोगों की आदतों में बदलाव आया है। भविष्य की शहरी परिवहन व्यवस्था में बदलाव पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, 'यह पर्यावरण अनुकूल, एकीकृत, स्वचालित और मांग आधारित होनी चाहिए। बड़े महानगरों में नई तरह की व्यवस्था की जरूरत होगी, जो आधुनिक तकनीक से लैस होगी।'
शहरी विकास मंत्री पुरी सोमवार को यहां 'शहरी परिवहन के उभरते चलन' पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद देश में परिवहन व्यवस्था और लोगों की आदतों में भारी बदलाव की संभावना है। यह एक बड़ी चुनौती के साथ-साथ एक अवसर भी है। इसके लिए दीर्घकालीन रणनीति बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए पुरी ने कहा कि सरकार परिवहन के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही है।
विभिन्न अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल के दौरान अलग-अलग शहरों में 16-57 फीसद लोगों ने पैदल चलना शुरू कर दिया, जबकि 30 से 40 फीसद लोगों ने साइकिल का इस्तेमाल करना चालू कर दिया है। शहरी क्षेत्रों में लोगों की रुचि स्वच्छ, सुरक्षित, संरक्षित व निजी वाहनों में ज्यादा हुई है।
परिवहन क्षेत्र शहरी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक
पुरी ने कहा कि भारत में तेज शहरीकरण होना 21वीं सदी की वास्तविकता है, जिसने देश को दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है। परिवहन क्षेत्र शहरी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक है। सभी मुद्दों के हल के लिए आवास व शहरी विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति-2006 जारी की है। इस नीति का उद्देश्य शहरों में रहने वालों की बढ़ती संख्या, नौकरियों, शिक्षा, मनोरंजन और ऐसी अन्य सभी जरूरतों के लिए सुरक्षित सस्ती, त्वरित, आरामदायक, विश्वसनीय और टिकाऊ पहुंच मुहैया कराना है।
सेमिनार में जनता की पहुंच वाले और सुगम परिवहन मुहैया कराने में कोविड-19 महामारी की चुनौतियों पर विशेष रूप से चर्चा की गई। शहरी परिवहन प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग काफी कारगर साबित हो रहा है। देश के सभी महानगरों में इस प्रणाली को लागू करने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं। इससे जहां रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, वहीं भविष्य में उत्पादकता को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।