फिर झुकी सरकार
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूरी प्रतिष्ठा दांव पर लगाने के बावजूद सरकार रिटेल में एफडीआइ के फैसले से आखिरकार अपने कदम वापस खींचने को मजबूर हो गई। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को मनाने के सारे प्रयास विफल होने के बाद संसद का अंकगणित देखते हुए सरकार अब रिटेल में एफडीआइ को ठंडे बस्ते में डालने को राजी हो गई है। संसद में गतिरोध तोड़ने के लिए बुधवार को संसद में वित्ता मंत्री प्रणब मुखर्जी रिटेल में एफडीआइ को फिलहाल स्थगित करने की घोषणा कर देंगे।
नई दिल्ली [जाब्यू]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूरी प्रतिष्ठा दांव पर लगाने के बावजूद सरकार रिटेल में एफडीआइ के फैसले से आखिरकार अपने कदम वापस खींचने को मजबूर हो गई। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को मनाने के सारे प्रयास विफल होने के बाद संसद का अंकगणित देखते हुए सरकार अब रिटेल में एफडीआइ को ठंडे बस्ते में डालने को राजी हो गई है। संसद में गतिरोध तोड़ने के लिए बुधवार को संसद में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी रिटेल में एफडीआइ को फिलहाल स्थगित करने की घोषणा कर देंगे।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने इसके स्पष्ट संकेत दिए और कहा कि इस मुद्दे पर सभी पक्षों की सहमति बनाने की जरूरत है और कांग्रेस गतिरोध तोड़ने के लिए हर संभव कदम का स्वागत करेगी।
इससे पहले कोलकाता में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी पहले तो तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की बीमार मां का हाल-चाल लेने गए। इसके बाद रिटेल में एफडीआइ पर ममता से बात की, लेकिन उनके टस से मस न होने के बाद प्रणब ने मणिपुर में मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से फोन पर वार्ता की। तृणमूल के साथ द्रमुक के भी खिलाफ होने से लामबंद विपक्ष के आगे संसद में सरकार का अंकगणित गड़बड़ा रहा था।
आखिरकार, थक हारकर सरकार ने इस फैसले को संसद सत्र तक टालने का फैसला ले लिया। प्रणब मुखर्जी ने फोन पर ममता को सरकार के फिलहाल इस फैसले से पीछे हटने की जानकारी दे दी।
प्रणब ने इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर सिर्फ इतना ही कहा कि उनकी ममता से दो बार बात हुई। अब वह बुधवार को संसद में इस मसले पर अपना बयान रखेंगे। संसद का आधा वक्त बर्बाद होने के बाद अब सरकार के सामने ममता ने वास्तव में और कोई चारा भी नहीं छोड़ा था।
प्रधानमंत्री ने ममता से इससे पहले खुद भी फोन पर बात की, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर किसी भी तरह सरकार के साथ खड़े होने से इंकार कर दिया। विपक्ष के साथ घटक दलों और बाहर से समर्थन कर रहे दलों के तेवरों के मद्देनजर कांग्रेस कोर कमेटी ने पहले ही कह दिया था कि इस मुद्दे पर बिल्कुल अड़ना ठीक नहीं है। अगर बात न बने तो फिलहाल इसे टालना ही उचित होगा।
प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ कांग्रेस आलाकमान भी इस फैसले पर साथ था। यह दूसरी बार है कि ममता की वजह से प्रधानमंत्री को नीचा देखना पड़ा है। पहले तीस्ता नदी के जल बंटवारे पर बांग्लादेश में प्रधानमंत्री को तृणमूल सुप्रीमो की वजह से फजीहत झेलनी पड़ी। अब एफडीआइ पर विपक्ष से खुलकर लोहा लेने के बाद अपने ही कुनबे से मनमोहन सिंह को साथ नहीं मिल सका।
सरकार ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का फैसला टाला कोलकाता/नई दिल्ली। विपक्ष और कुछ सहयोगी दलों के दबाव के बीच सरकार ने शनिवार को खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसले पर रोक लगा दी ताकि संसद में इस विषय पर गतिरोध को समाप्त किया जा सके। यह घोषणा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से टेलीफोन पर बातचीत के बाद आश्चर्यजनक तरीके से की। हालांकि मुखर्जी ने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए कहा कि इस बाबत आधिकारिक बयान संसद में ही दिया जाएगा। खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का विरोध करने वाली ममता के अनुसार प्रणव मुखर्जी ने उन्हें बताया कि एफडीआई से जुड़े फैसले को टाल दिया गया है। उन्होंने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा कि यह अस्थाई नहीं है। जब तक इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बनती तब तक यह फैसला निलंबित है। उन्होंने कहा कि प्रणब दा ने इस मुद्दे पर हमारी राय मांगी और हमने उन्हें बताया कि तृणमूल कांग्रेस का रुख अडिग है। उन्होंने मुझे बताया कि रिटेल में एफडीआई लाने के कैबिनेट के फैसले को तब तक टाल दिया जाएगा जब तक आम सहमति नहीं बनती। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो मुद्दे का समाधान हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला स्पष्ट है और आप प्रणब मुखर्जी से पूछ सकते हैं। कोलकाता गए प्रणब मुखर्जी ने एक स्थानीय अस्पताल में ममता बनर्जी की अस्वस्थ मां का हालचाल पूछा। बाद में उन्होंने कहा कि मैं कोई घोषणा नहीं कर सकता क्योंकि संसद सत्र चल रहा है। सरकार के कोई भी फैसले की घोषणा संसद में की जाएगी। उन्होंने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मैंने ममता से दो बार बातचीत की लेकिन आधिकारिक तौर पर मैं कोई घोषणा नहीं कर सकता क्योंकि संसद सत्र चल रहा है। विपक्षी दलों के अलावा लोकसभा में 18 सदस्य वाले तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने रिटेल में एफडीआई के सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है। हालांकि दोनों सहयोगी दलों ने स्पष्ट किया कि वे सरकार गिराने के पक्ष में नहीं हैं। दिल्ली में विपक्षी भाजपा और भाकपा ने हालांकि इस मुद्दे पर सरकार से औपचारिक घोषणा करके रुख स्पष्ट करने को कहा। संसद की बैठक लंबे सप्ताहांत के बाद बुधवार को होगी। कांग्रेस ने इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह एफडीआई पर गतिरोध तोड़ने के लिए सभी सार्थक कदमों का स्वागत करती है। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि इस तरह के हालात में अलग अलग पक्षों के बीच व्यापक सहमति जरूरी है। ममता बनर्जी ने कहा कि वित्त मंत्री ने उनसे कई बार संपर्क का प्रयास किया। बाद में उन्होंने ममता से पूछा कि इस मुद्दे का हल कैसे निकाला जाए। उन्होंने कहा कि मैं भी व्यस्त थी। लेकिन मैंने उनसे फोन पर दो बार बातचीत की। ममता ने कहा कि शुक्रवार को उन्होंने फोन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बातचीत की थी।
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