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कोविशील्ड के असर को लेकर है दो डोज के बीच 84 दिनों का अंतराल, तीसरे डोज का अभी प्रावधान नहीं- केंद्र

केरल हाई कोर्ट में केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दिया। केंद्र ने कोविशील्ड के दो डोज के बीच अंतराल को लेकर कहा कि यह वैक्सीन के असरकारक होने को लेकर है इसका वैक्सीन की किल्लत से कोई संबंध नहीं।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 09:52 AM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 10:05 AM (IST)
कोविशील्ड के असर को लेकर है दो डोज के बीच 84 दिनों का अंतराल, तीसरे डोज का अभी प्रावधान नहीं- केंद्र
कोविशील्ड के असर को लेकर है दो डोज के बीच है 84 दिनों का अंतराल

कोच्चि, एएनआइ। केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) में गुरुवार को केंद्र सरकार (Central government) ने कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे डोज की जरूरत से स्पष्ट तौर पर इनकार कर दिया। साथ ही कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच निर्धारित अंतराल को लेकर बताया कि यह वैक्सीन की किल्लत के कारण नहीं बल्कि इसके असर को लेकर है। केंद्र ने कोर्ट में कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के जरूरी कोविड-19 वैक्सीन की दो डोज लगवाने के बाद तीसरे डोज का अभी कोई प्रावधान नहीं है। कन्नूर निवासी शख्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने यह बयान दिया। याचिकाकर्ता कोवैक्सीन (Covaxin) की दो डोज ले चुका है और अब कोविशील्ड (Covishield) की डोज लेना चाहता है। दरअसल वह सऊदी अरब में नौकरी करता है जहां अब तक कोवैक्सीन को मंजूरी नहीं दी गई है।

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केंद्र सरकार ने आगे बताया, 'कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगवाने के बाद तीसरे डोज लगाए जाने की जरूरत को लेकर अध्ययन जारी है। इसे पूरा होने में महीनों का समय लगेगा। इसपर अब तक किसी तरह का गाइडलाइन नहीं आया है। इसलिए याचिकाकर्ता को अभी इसके लिए इंतजार करना होगा। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था, 'जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दो डोज ले ली है उन्हें फिर से वैक्सीन की डोज नहीं दी जा सकती है। कोई शख्स यदि दो से अधिक डोज लेता है तो उसे स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। फिलहाल एक शख्स को कोरोना वैक्सीन की दो से अधिक डोज दिए जाने को कोई प्रावधान नहीं। कोरोना वैक्सीन की तीसरे डोज लेने का कोई अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन भी जारी नहीं हुआ है। वैक्सीन की ओवरडोज होने से स्वास्थ्य परेशानियां हो सकती हैं। इस संबंध में कोई अध्ययन नहीं किया गया है।

इस मामले में याचिकाकर्ता के दावे पर विचार नहीं किया जा सकता है। यदि हम इस मांग पर विचार करते हैं तो इस तरह की और भी कई मांगों के साथ लोग कोर्ट में आने लगेंगे। 50 वर्षीय गिरिकुमार ने कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें बताया कि कोवैक्सीन को सऊदी अरब में मान्यता नहीं दी गई है और वीजा शर्तों के मुताबिक 30 अगस्त से पहले वापस जाना होगा नहीं तो उनकी नौकरी छूट जाएगी। याचिका के अनुसार सऊदी अरब में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण जनवरी में वे भारत आए थे। जब देश में 45 साल से अधिक उम्र वालों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही थी तभी उन्होंने कोविन पोर्टल पर अपने पासपोर्ट का विवरण डालकर रजिस्ट्रेशन कराया था। इसके बाद 17 अप्रैल को कोवैक्सीन की पहली डोज उन्हें दी गई और एक माह बाद उन्हें दूसरी डोज लगाई गई। जब उन्होंने कोवैक्सीन की डोज ले ली तब जाकर उन्हें पता लगा कि सऊदी अरब में कोवैक्सीन को मान्यता नहीं मिली है।


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