कावेरी प्रबंधन योजना का मसौदा सुप्रीम कोर्ट में पेश, 16 मई को अगली सुनवाई
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कावेरी प्रबंधन योजना का मसौदा पेश किया। मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। केंद्र सरकार ने कावेरी जल बंटवारे के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में अपना मसौदा दाखिल कर दिया है। चार दक्षिणी राज्यों (कर्नाटक, तमिलानाडु, केरल और पुडुचेरी) के बीच कावेरी जल बंटवारे पर चल रही कानूनी लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कावेरी प्रबंधन योजना पर मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया था। सोमवार (14 मई) को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ के समक्ष मसौदा पेश किया गया।
16 मई को अगली सुनवाई
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, 'हम मसौदे को ठीक करने में नहीं जा सकते हैं, लेकिन कोर्ट के आदेशानुसार राज्य और केंद्र में तालमेल ठीक करवा सकते हैं।' अब इस मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार (16 मई)) को होगी। केंद्र की ओर से जो मसौदा पेश किया गया है, उसे संबंधित राज्यों को दिया जाएगा।
जल संसाधन सचिव कोर्ट में रहे मौजूद
बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जल संसाधन सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह को हाजिर होने को कहा था, यही कारण रहा कि वह सोमवार को सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा था कि वे संबंधित राज्यों से बातचीत कर स्कीम को तैयार करे। इस पर केंद्र ने कहा था कि राज्यों की राय के मुताबिक, हम बोर्ड, ऑथिरिटी या कमेटी बनाने को तैयार है। पिछली बार केंद्र सरकार ने कावेरी जल बंटवारे के फैसले को लागू करने को लेकर योजना तैयार करने के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा था।
किसके हिस्से में कितना पानी?
सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को अपने फैसले में कहा था कि अब तमिलनाडु को 177.25 टीएमसी पानी मिलेगा, पहले ये 192 टीएमसी था। जिसका मतलब है कि तमिलनाडु के हिस्से में आने वाला पानी 14.75 टीएमसी घटा दिया गया है। वहीं कर्नाटक को 192 टीएमसी पानी देने का फैसला लिया, यानी ये फैसला कर्नाटक के लिए फायदेमंद रहा। उधर, केरल को 30 टीएमसी और पुडुचेरी को 7 टीएमसी पानी आवंटित किये जाने का फैसला लिया।