सेंट्रल विस्टा परियोजना: तीन नए कार्यालय भवनों के लिए बोली जमा करने की तिथि बढ़ी
सीपीडब्ल्यूडी ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में बनाए जा रहे कॉमन सेंट्रल सचिवालय के तहत तीन नए कार्यालय भवनों के लिए बोली जमा करने की अंतिम तिथि 14 जुलाई तक बढ़ा दी है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत बनाए जा रहे कामन सेंट्रल सेक्रेटेरियट के तीन नए कार्यालय भवनों के लिए बोली जमा करने की अंतिम तारीख 14 जुलाई तक बढ़ा दी है। पहले बोली जमा करने की अंतिम तारीख 23 जून थी।सीपीडब्ल्यूडी के मुताबिक, तकनीकी बोलियां 14 जुलाई तक जमा की जा सकती हैं और उन्हें उसी दिन खोला जाएगा। विभाग ने कहा कि प्रशासनिक कारणों के चलते बोली जमा करने और तकनीकी बोलियों को खोलने की अंतिम तारीख को बढ़ाया गया है। ये तीनों भवन उसी जगह पर बनाए जाएंगे, जहां फिलहाल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र स्थित है।
उधर, सूत्रों ने बताया कि बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल को सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यो की प्रगति के बारे में अवगत कराया गया। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत नया संसद भवन, कामन सेंट्रल सेक्रेटेरियट, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का चौड़ीकरण, प्रधानमंत्री के लिए नए आवास व आफिस तथा उपराष्ट्रपति के लिए नए एंक्लेव का निर्माण किया जाना है।
सेंट्रल विस्टा स्थित नेशनल म्यूजियम को आधुनिक बनाने की तैयारियां प्रगति पर हैं। यहां रखी धरोहरों को अपने मूल भवन में ही सजाया व संवारा जा रहा है। यहां कई ऐसी गैलरियां सृजित की गई हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की, अपने आप में अनूठी और अद्वितीय हैं। नेशनल म्यूजियम को जनपथ से नार्थ व साउथ ब्लाक में शिफ्ट होने में पांच से छह साल का समय लगने का अनुमान है।
दिल्ली में वर्ष 2023 में होने वाली जी-20 समूह की बैठक को ध्यान में रखकर नेशनल म्यूजियम को संवारा जा रहा है। विश्व स्तरीय इस सम्मेलन में दुनिया की बड़ी हस्तियां पहुंचने वाली हैं, जो इसे जरूर देखना चाहेंगी। म्यूजियम के आडिटोरियम को आधुनिक बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी जा रही है। इस बड़े कार्य में अत्याधुनिक टेक्निकल टीम को लगाया गया है, ताकि म्यूजियम का नया स्वरूप सामने आ सके।