Move to Jagran APP

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया- दिल्ली और इससे सटे इलाकों में कैसे कम होगा वायु प्रदूषण, दिए सुझाव

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली और इससे सटे इलाके(एनसीआर) में वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर कई अहम सुझाव दिए हैं। अगले पांच दिनों तक यहां हवा ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों के बीच बनी रहेगी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 09:54 AM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 09:54 AM (IST)
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया- दिल्ली और इससे सटे इलाकों में कैसे कम होगा वायु प्रदूषण, दिए सुझाव
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिए वायु प्रदूषण कम करने के सुझाव।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एएनआइ। तीन दिनों से लगातार दिल्ली में जारी वायु प्रदूषण में आज मामूली कमी आई है। तेज हवाओं के कारण यह कमी दर्ज हुई है, जिससे हवा की गुणवत्ता गंभीर से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(Central Pollution Control Board) ने दिल्ली और इससे सटे इलाके(एनसीआर) में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई अहम सुझाव दिए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया है कि सड़कों की मशीनीकृत सफाई और सड़कों पर पानी के छिड़काव को बढ़ाना, सभी ईंट भट्टों को बंद रखने और मौजूदा प्राकृतिक गैस आधारित संयंत्रों से बिजली उत्पादन को अधिकतम करने जैसे उपायों से वायु प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है।

loksabha election banner

वायु गुणवत्ता खराब और गंभीर के बीच रहेगी

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता की समीक्षा की और कहा कि अगले पांच दिनों के दौरान पराली जलाने का वायु प्रदूषण में योगदान बढ़ेगा तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों के बीच रहेगा। स्थिति का जायजा लेते हुए बोर्ड ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को सड़कों पर पानी के छिड़काव के साथ-साथ श्रेणीबद्ध कार्रवाई योजना (ग्रैप) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

‘बहुत खराब’ श्रेणी की ही रहेगी हवा

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि हवा की गति आठ किमी प्रति घंटे से 14 किमी प्रति घंटे के बीच थी। सफर(SAFAR) ने हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार की भविष्यवाणी की लेकिन कहा कि यह अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी की ही बनी रहेगी। पिछले साल, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाली हिस्सेदारी 5 नवंबर को 42 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। 2019 में पराली जलाने से 1 नवंबर को दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण का 44 प्रतिशत हिस्सा था।

संबंधित एजेंसियों को संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों एवं समितियों को रोजाना रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। सीपीसीबी ने कहा, ‘‘ उप-समिति ने आठ नवंबर को एक बैठक बुलाई थी और उसने वायु गुणवत्ता दर्जे, मौसम एवं वायु प्रदूषण अनुमान की समीक्षा की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.