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केंद्र ने नेताजी की विरासत पर दावा ठोका, देश में बनेंगे सुभाष चन्द्र बोस के दो संग्रहालय

संग्रहालय बनाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण से जमीन की मांग की जा चुकी है। दूसरा संग्रहालय कोलकाता में बनाया जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 09:04 PM (IST)
केंद्र ने नेताजी की विरासत पर दावा ठोका, देश में बनेंगे सुभाष चन्द्र बोस के दो संग्रहालय
केंद्र ने नेताजी की विरासत पर दावा ठोका, देश में बनेंगे सुभाष चन्द्र बोस के दो संग्रहालय

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बाबा साहेब अंबेडकर के बाद अब भाजपा नेतृत्व की केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत पर भी दावा ठोकने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के दो संग्रहालय बनाने का फैसला किया है। इनमें से एक दिल्ली जबकि दूसरा कोलकाता में बनना तय हुआ है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री महेश शर्मा के मुताबिक नेताजी की उपलब्धियों और देश के प्रति योगदान से लोगों को परिचित कराने के लिए संग्रहालय निर्माण का फैसला लिया गया है। पर इससे इनकार करना मुश्किल है कि इसका असर राजनीति पर न दिखे। खासकर तब जबकि पश्चिम बंगाल में भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी बनने लगी है।

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संग्रहालय बनाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण से जमीन की मांग की जा चुकी है। वही नेताजी का दूसरा संग्रहालय कोलकाता में पुरानी नेशनल लाइब्रेरी बिल्डिंग में बनाया जाएगा। इस संग्रहालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अलावा रवींद्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय और भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी शामिल हैं। इनसे जुड़े तमाम दस्तावेज संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाएंगे। संग्रहालय के निर्माण में सरकार भारतीय सेना की मदद लेगी, वही दूसरी तरफ केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के संग्रहालय, इलाहाबाद में कुम्भ संग्रहालय और गोरखपुर में वहां के गौरवशाली इतिहास पे भव्य संग्रहालय बनाने की योजना भी बनाने की बात कही है।

गौरतलब है कि अंबेडकर से जुड़े भवनों और यादों को औपचारिक रूप देकर भाजपा यह दावा करने से पीछे नहीं रही है कि सच्चे अर्थो में भाजपा ने ही उनकी विरासत को मूर्त रूप दिया है। अब नेताजी के प्रति समर्पित संग्रहालय भी असर बंगाल में दिखे तो आश्चर्य नहीं।

सुभाष चन्द्र बोस के पौत्र पहले ही बंगाल में भाजपा का दामन थाम चुके हैं। पार्टी ने उन्हें ममता बनर्जी के खिलाफ ही मैदान में उतारा था। ध्यान रहे कि नेताजी से जुड़े दस्तावेज मोदी सरकार के कार्यकाल में ही सार्वजनिक किए गए थे। नेता से परिवार के लोगों ने प्रधानमंत्री आवास आकर नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। बंगाल में नेताजी को लेकर गहरी आस्था है और संग्रहालय निर्माण कर भाजपा खुद को उससे जोड़ने की कोशिश करेगी।


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