Move to Jagran APP

चुनावी साल में बकाया टैक्स वसूलकर खजाना भरने में जुटी केंद्र सरकार

केंद्र सरकार की 8.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक टैक्स राशि अब तक वसूल नहीं हो पायी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 10:58 PM (IST)
चुनावी साल में बकाया टैक्स वसूलकर खजाना भरने में जुटी केंद्र सरकार
चुनावी साल में बकाया टैक्स वसूलकर खजाना भरने में जुटी केंद्र सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी साल में सरकार वर्षो से बकाया पड़ी टैक्स की राशि वसूलकर खजाना भरने की कोशिश में जुटी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्स (सीबीआइसी) ने सभी जोन के अधिकारियों को बकाया टैक्स राशि वसूलने में तेजी लाने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने यह निर्देश ऐसे समय दिया है जब जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये को छू नहीं पा रहा है और सरकार आम बजट 2018-19 में रखे गए परोक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने की पुरजोर कोशिश कर रही है।

loksabha election banner

परोक्ष कर के रूप में बकाया हैं 1,41,647 करोड़ रुपये

सूत्रों ने कहा है कि सीबीआइसी में विधि मामलों के प्रभारी सदस्य ने चार अक्टूबर 2018 को देशभर में अलग-अलग जोन में तैनात शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर टैक्स की बकाया मांग को चालू वित्त वर्ष में त्वरित गति से वसूलने का आदेश दिया है। बताया जाता है कि इस संबंध में उन्होंने प्रत्येक जोन के लिए लक्ष्य भी तय किए गए हैं। इसके बाद सीबीआइसी के अध्यक्ष एस रमेश ने भी सभी जोन के चीफ कमिश्नरों को पत्र लिखकर समयबद्ध ढंग से इन लक्ष्यों को हासिल करने का आग्रह किया है।

सीबीआइसी ने परोक्ष कर की वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए

सूत्रों ने कहा कि बकाया परोक्ष कर राशि का अधिकांश भाग अदालती मामलों में फंसा है, इसके बावजूद बड़ी राशि ऐसी है जिसे वसूल किया जा सकता है।

आम बजट 2018-19 के दस्तावेजों से पता चलता है कि केंद्र सरकार की 8.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक टैक्स राशि जिसे वसूल लिया जाना चाहिए था, अब तक वसूल नहीं हो पायी है। इसमें से 1,41,647 करोड़ रुपये परोक्ष कर राशि के बकाया हैं। यह धनराशि केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और सेवा कर के रूप में जुटाकर खजाने में आनी थी लेकिन किसी न किसी वजह से इसे वसूला नहीं जा सका। इस राशि को वसूलने में विलंब की बड़ी वजह अदालती मामले हैं। हाल के वर्षो में बकाया कर के संबंध में अदालती मामलों में में वृद्धि हुई है।

असल में बकाया टैक्स राशि सरकार के खातों में 'जुटाए गए, लेकिन वसूल न किए गए कर राजस्व' के रूप में दर्ज होती है। केंद्र सरकार को राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजटीय प्रबंधन नियमावली 2004 के नियम 6 के तहत हर साल बजट में इस तथ्य का उल्लेख करना पड़ता है।

बकाया कर टैक्स राशि (वर्ष 2016-17 तक)

बकाया कर - धनराशि (करोड़ रुपये में)

सीमा शुल्क - 17,215

केंद्रीय उत्पाद शुल्क - 58,700

सेवा कर - 65,731


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.