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सीमा पर तनाव को देखते हुए सेना को हथियारों से लैस करने के लिए बड़े रक्षा सौदे को मिली मंजूरी

सेना की मारक क्षमता में इजाफा करने की बड़ी पहल करते हुए सरकार ने करीब 16 हजार करोड रुपये के रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दे दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 09:23 PM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 08:58 AM (IST)
सीमा पर तनाव को देखते हुए सेना को हथियारों से लैस करने के लिए बड़े रक्षा सौदे को मिली मंजूरी
सीमा पर तनाव को देखते हुए सेना को हथियारों से लैस करने के लिए बड़े रक्षा सौदे को मिली मंजूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सेना की मारक क्षमता में इजाफा करने की बड़ी पहल करते हुए सरकार ने करीब 16 हजार करोड रुपये के रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दे दी है। मोर्चे पर तैनात सैनिकों को हथियारों से लैस करने के लिए इस रकम के जरिये करीब साढे सात लाख असाल्ट रायफल, स्नीपर रायफल, लाइट मशीन गन से लेकर नौसेना की ताकत में इजाफे के लिए एडवांस टोरपेडो सिस्टम की खरीद की जाएगी।

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जम्मू-कश्मीर की सीमा पर पाकिस्तान के साथ लगातार चल रही तनातनी को देखते हुए सैन्य खरीद का यह फैसला सेना की रणनीतिक ताकत में बढ़ोतरी के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में इन हथियारों की खरीद से जुड़े 15,935 करोड रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी। डीएसी की मंजूरी के हिसाब से 1819 करोड रुपये लाइट मशीन गन की खरीद पर खर्च किये जाएंगे। इनकी खरीद रक्षा मंत्रालय की फास्ट ट्रैक खरीद प्रक्रिया के तहत की जाएगी।

सरकार सेना की तत्कालिक जरूरत को पूरा करने के लिए फास्ट ट्रैक खरीद की जाती है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार फास्ट ट्रैक के अलावा बाकी लाइट मशीन गन की खरीद में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कंपनी उसका निर्माण भारत में ही करे।

15,935 करोड रुपये के रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी:

7.4 लाख असाल्ट रायफल्स, स्नीपर रायफल्स, मशीन गन

नौसेना के लिए एडवांस टारपेडो सिस्टम खरीदा जाएगा

रक्षा सौदे के इस अहम फैसले में सबसे बड़ी खरीद 7 लाख 40 हजार असाल्ट रायफल की खरीद है। इन हथियारों की खरीद तीनों सेनाओं के लिए होगी। रक्षा मंत्रालय ने यह फैसला लिया कि फास्ट ट्रैक के अलावा बाकी सभी रायफलों की खरीद उन्हें भारत में बनाने की नीति के अनुसार होगा। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने की सरकार की नीति के अनुसार आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड और निजी कंपनियों के जरिये असाल्ट रायफल निर्माण को सिरे चढ़ाया जाएगा। इन रायफलों की खरीद और निर्माण की परियोजना पर 12,280 करोड रुपये खर्च होंगे।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार पिछले एक महीने में सरकार ने मोर्चे पर तैनात सैनिकों को हथियारों से लैस करने के लिए उनके साथ रहने वाले तीन मुख्य हथियारों रायफल, कारबाइन और लाइट मशीन गन खरीदने की प्रक्रिया तेज कर दी है। डीएसी ने इसीलिए इन तीनों को फास्ट ट्रैक खरीद प्रकिया के जरिये हासिल करने की मंजूरी दी है।

मोर्चे पर तैनात सैनिकों को तत्काल हथियार देने के लिए डीएसी ने फास्ट ट्रैक खरीद की दी हरी झंडी

डीएसी ने सेना और भारतीय वायुसेना के लिए 5719 स्नीपर रायफल्स की खरीद को भी मंजूरी दी है। इस खरीद पर 982 करोड रुपये की राशि खर्च होगी। बेहद मारक क्षमता वाले स्नीपर रायफल्स की खरीद वैश्विक टेंडर के जरिये होगी। इसके लिये जरूरी गोले-बारूद और आयुध शुरु में तो बाहर से ही मंगाये जाएंगे मगर बाद में इनका निर्माण भी भारत में होगा।

नौसेना की पनडुब्बी जंगी क्षमता और नौसेना के जहाजों की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए डीएसी ने एडवांस टारपेडो डिकाय सिस्टम को खरीदने की मंजूरी दे दी है। डीआरडीओ ने इसके लिए स्वदेश में ही 'मरीच' सिस्टम का विकास किया है और इसका सफलतापूर्वक परीक्षण हो चुका है। इसी मरीच को अब नौसेना के रक्षा बेड़े का हिस्सा बनाया जाएगा। डीएसी के फैसले के अनुसार भारत इलेक्ट्रानिक्स 850 करोड रुपये की लागत से नौसेना के लिए मरीच सिस्टम को निर्माण करेगा।


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