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केंद्रीय कैबिनेट ने सात खतरनाक रसायनों को किया प्रतिबंधित, कई बीमारियों की थी आशंका

स्टॉकहोम कन्वेंशन विभिन्न पीओपी से लोगों की सेहत एवं पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक वैश्विक समझौता है। पीओपी के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा रहता है। इनसे इम्यून सिस्टम और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियों की आशंका भी रहती है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 07:36 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 07:36 AM (IST)
केंद्रीय कैबिनेट ने सात खतरनाक रसायनों को किया प्रतिबंधित, कई बीमारियों की थी आशंका
केंद्रीय कैबिनेट ने 7 खतरनाक रसायनों को बैन किया।

नई दिल्ली, प्रेट्र। स्टॉकहोम कन्वेंशन का अनुपालन करते हुए सरकार ने लोगों की सेहत एवं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सात खतरनाक रसायनों को प्रतिबंधित कर दिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। इन सातों रसायनों को स्टॉकहोम कन्वेंशन के तहत पíसस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्यूटेंट (पीओपी) की सूची में रखा गया है। फैसले के बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, 'हमने स्टॉकहोम कन्वेंशन लागू कर दिया है।

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भारत ने दुनिया को एक सकारात्मक संदेश दिया है कि हम भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और लोगों की सेहत एवं पर्यावरण से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।' स्टॉकहोम कन्वेंशन विभिन्न पीओपी से लोगों की सेहत एवं पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक वैश्विक समझौता है। पीओपी के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा रहता है। इनसे इम्यून सिस्टम और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियों की आशंका भी रहती है।

जापान से साइबर सुरक्षा समझौते को मंजूरी 

कैबिनेट की बैठक में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में जापान के साथ हुए समझौते को भी मंजूरी दी गई। इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे को मुक्त, सुरक्षित एवं भरोसेमंद साइबर स्पेस उपलब्ध कराएंगे। दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग का भरोसा भी दिया है।

जावड़ेकर ने कहा, हमने स्टॉकहोम कन्वेंशन का अनुसमर्थन भी किया है। स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक सात रसायनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत दुनिया को एक सकारात्मक संदेश दे रहा है कि हम इस क्षेत्र में भी सक्रिय हैं और हम स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरे को बर्दाश्त नहीं करते हैं। केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर जानकारी देने के लिए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे। प्रधान ने बताया कि जीवाश्म ईंधन के आयात पर हमारी निर्भरता कम हो रही है। प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण तंत्र को पारदर्शी बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने आज एक मानकीकृत ई-बोली प्रक्रिया को मंजूरी दी। ई-बिडिंग के लिए दिशानिर्देश बनाए जाएंगे। 


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