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आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का सीबीआइ ने किया पर्दाफाश, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में छापे

कंप्यूटर पर मालवेयर भेजकर वसूली करने के मामले में सीबीआई ने छह कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करते हुए दिल्ली यूपी हरियाणा और राजस्थान के दस स्थानों पर छापा मारा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 09:31 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 09:31 PM (IST)
आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का सीबीआइ ने किया पर्दाफाश, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में छापे
आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का सीबीआइ ने किया पर्दाफाश, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में छापे

नई दिल्ली, जेएनएन। यदि आपके स्क्रीन पर कंप्यूटर खराब का मैसेज पॉप-अप होता है, तो सावधान हो जाएं। आप कंप्यूटर पर मालवेयर भेजकर वसूली करने वाले गैंग के निशाने पर हो सकते हैं। सीबीआइ ने एक ऐसे ही बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। छह कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करते हुए सीबीआइ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के दस स्थानों पर छापा मारा है।

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सीबीआइ प्रवक्ता आरके गौड़ के अनुसार दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और जयपुर में स्थित ये कंपनियां लोगों के कंप्यूटर पर मालवेयर भेजती थीं, जिससे स्क्रीन पर कंप्यूटर के खराब होने का मैसेज आ जाता था। लोग समझते थे कि उनके कंप्यूटर में कोई तकनीकी गड़बड़ी आ गई है या किसी वायरस का अटैक हो गया है। स्क्रीन पर मैसेज के साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी दिया जाता था। जैसे ही कोई व्यक्ति उस नंबर पर फोन करता तो उसे एंटी-वायरस डलवाने की सलाह दी जाती या फिर कंप्यूटर की तकनीकी गड़बड़ी दूर करने के लिए दूसरे हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने की सलाह दी जाती थी।

ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि सामान्य आदमी को वसूली गैंग पर संदेह नहीं हो। दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति को कंप्यूटर ठीक करने के एवज में आनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा जाता था। एक बार पेमेंट हो जाने के बाद मालवेयर को कंप्यूटर से हटा लिया जाता था और कंप्यूटर पहले की तरह ठीक काम करने लग जाता था जबकि हकीकत में कंप्यूटर में कोई गड़बड़ी होती ही नहीं थी। जाहिर है ठगी का शिकार होने वाले को इसकी भनक तक नहीं लग पाती थी। बता दें कि मालवेयर एक तरह का प्रोग्राम या फिर साफ्टवेयर का एक छोटा सा रूप है जिसे किसी भी कंप्यूटर से डाटा चुराने या उसे नुकसान पहुंचाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

आरके गौड़ के अनुसार इस गिरोह की जानकारी मिलने के बाद इसकी जांच शुरू हुई। जांच में पाया गया कि दिल्ली की शॉफ्टविल इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड और सबूरी टीएलसी वल्डवाइड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा स्थित बेनोवेलिएंट टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम स्थित सबूरी ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड तथा जयपुर स्थित इनोवाना थिंकलैब लिमिटेड व सिस्टविक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बड़े पैमाने पर इस तरह वसूली में लगी हुई हैं।

इन कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और जयपुर में कंपनियों के आफिस पर छापा मारा। इसके अलावा इनसे जुड़े दो लोगों के फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के मैनपुरी स्थिति घर की तलाशी ली गई। सीबीआइ के अनुसार छापेमारी के दौरान कंप्यूटर, लैपटॉप और बैंक खाते से जुड़े बहुत सारे दस्तावेज बरामद किए गए हैं। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।


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