वैक्सीन चुनें, वायरस नहीं... उत्साह के साथ मनाए टीका महोत्सव, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
अब जबकि कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन का सुरक्षा कवच मिल गया है तब 45 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को इसे अवश्य लगवाना चाहिए। जीवनरक्षा के इस अनुपम सौभाग्य को उत्सव की तरह मनाएं टीका लगवाने से कतई न कतराएं...
[डॉ. सूर्यकांत] भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर, में लोग बड़ी तेजी से संक्रमित हो रहे है। लगभग दो महीने के अंदर प्रतिदिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या एक लाख से ऊपर पहुंच गई है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों की समीक्षा बैठक में कोविड से बचाव तथा टीकाकरण पर जोर देते हुए आज 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक टीका महोत्सव मनाने की बात कही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क, दो गज की दूरी और हाथ धोने पर जोर देने के साथ ही कोविड टेस्टिंग को बढ़ाने पर भी जोर दिया है। उदासीनता से बढ़ी समस्या
हमारे देश में 16 जनवरी, 2021 से कोविड टीकाकरण प्रारंभ हुआ तथा प्रतिदिन कोविड संक्रमित लोगों की संख्या काफी घट गई, जिससे लोग लापरवाह हो गए और कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करना धीरे-धीरे समाप्त हो गया। इसके साथ ही कोविड टीकाकरण के बारे में भी तरह-तरह की अफवाहें और आशंकाएं जताई गईं, जिससे अपेक्षित संख्या में टीकाकरण नहीं हो सका। हमारी लापरवाही व टीकाकरण के प्रति उदासीनता से कोरोना संक्रमण को फैलने व लोगों को ज्यादा से ज्यादा संक्रमित करने का अवसर मिला और देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को जीतते-जीतते हारने लगा। देश में 16 जनवरी से अब तक टीके की लगभग 9 करोड़ डोजेज लग पाई है, जबकि अमेरिका में 17 करोड़ और चीन में यह संख्या लगभग 15 करोड़ है। इसीलिए हमारे प्रधानमंत्री ने कोविड टीकाकरण को उत्सव की तरह मनाने की अपील की है।
जरूरी है सावधानी
कोविड-19 का टीका लगवा लिया और हो गए निश्चिंत, लेकिन यह निश्चिंतता ठीक नहीं। अभी भी आपको सेहत का ध्यान रखना है, क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद भी आप इस वायरस के रडार पर हैं। यह बात समझ लें कि कोई भी वैक्सीन, किसी भी वायरस का उपचार नहीं होती बल्कि उसके प्रति सुरक्षा कवच देती है। अत: अभी भी आप कोरोना संक्रमित हो सकते हैं और दूसरों को संक्रमित कर सकते है।
मास्क अभी भी है जरूरी
कोरोना संक्रमण नए रूप में सामने आ रहा है, इसलिए मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी है। जब तक कि हम हर्ड इम्यूनिटी तक न पहुंच जाएं। जब तक कि अनुमानित 70 से 85 फीसद जनसंख्या का वैक्सीनेशन न हो जाए। मास्क लगाना अपनी सुरक्षा के लिए ही नहीं बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी बहुत जरूरी है। मास्क पहनने से कोविड-19 के विभिन्न प्रकारों के फैलने और इसके नए प्रकार उत्पन्न होने से रोकने में मदद मिलेगी। क्योंकि वायरस तब तक अपना रूप नहीं बदलता, जब कि इसका प्रसार न हो। इसलिए आपस में मिलने पर नमस्ते करें, बार-बार हाथ धोते रहें, दो गज की दूरी बनाए रखें तथा घर के बाहर निकलने पर मास्क लगाए रखें। ज्ञात रहे कि मास्क लगाने से सिर्फ कोविड-19 से ही बचाव नहीं होता बल्कि टी.बी. और न्यूमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों तथा वायु प्रदूषण से भी बचाव होता है।
न पालें कोई भ्रम
हाल ही में कई मामले ऐसे भी आए जब वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैंऔर लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि वैक्सीन लगवाने से क्या फायदा! तो आपको बता दें कि वैक्सीन की दोनों डोज लगने के दो से चार सप्ताह के बाद लगभग 80 प्रतिशत प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) प्राप्त होती है अर्थात यदि 10 लोगों ने संपूर्ण टीकाकरण करवाया है तो भी 10 में से दो लोगों को कोरोना संक्रमण हो सकता है, लेकिन कोविड वैक्सीन लगवाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कोविड संक्रमण हो जाने के बाद भी गंभीर बीमारी नही होती है तथा आई.सी.यू. में भर्ती होने की नौबत नहीं आती है। केवल हल्के-फुल्के लक्षण ही हो सकते हैं। अत: हम सभी को कोविड टीकाकरण के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
इम्यूनिटी का भी बड़ा योगदान
आपने देखा होगा कि एक ही कार्यालय में कार्य करने वाले लोगों में से कुछ को कोरोना संक्रमण हो जाता है, जबकि बाकी को नहीं होता है। ऐसा इसलिए होता है कि जिनकी इम्यूनिटी अच्छी होती है, वो अपने को कोरोना संक्रमण के प्रभाव से बचा लेते हैं। मेरा तो यही कहना है कि वैक्सीन चुनें, वायरस को नहीं, टीका अवश्य लगवाएं!