सीइसी सुनील अरोड़ा ने ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर कही ऐसी बात, जानें
सीईसी ने कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ और ईवीएम में खराबी में अंतर है। ईवीएम में छेड़छाड़ का एक भी मामला साबित नहीं हुआ है।
अमरावती, प्रेट्र। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों ने ईवीएम में भरोसा जताया, लेकिन इस बात पर निराशा जताई कि कुछ दल जानबूझकर ईवीएम को लेकर झूठ फैला रहे हैं।
सीईसी ने कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ और ईवीएम में खराबी में अंतर है। ईवीएम में छेड़छाड़ का एक भी मामला साबित नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने वीवीपैट पर्चियों की गणना करने की विभिन्न दलों की मांग पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वीवीपैट के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
पूर्व आइएएस अधिकारी अरोड़ा ने कहा कि अगर 2014 में ईवीएम में एक खास परिणाम दिए। फिर उसके बाद दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम में चुनाव हुए। इन राज्यों में अलग-अलग परिणाम आए। फिर जानबूझकर ईवीएम को निशाना क्यों बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वीवीपैट पर्चियों की गिनती पर भारतीय सांख्यिकीय संगठन और नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन के विशेषज्ञ जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
सीईसी चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और अधिकारियों के साथ आंध्र प्रदेश में चुनावी तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे थे। उन्होंने राज्य के अधिकारियों और राजनीतिक दलों के साथ दो दिनों तक हुई बातचीत के बारे में मीडिया को जानकारी दी।
आरोड़ा ने हाल ही में लंदन में कथित रूप से ईवीएम को हैक करने की घटना को 'सर्कस इन लंदन' यानी लंदन में तमाशा करार दिया। उन्होंने कहा कि उस कार्यक्रम के आयोजक बताए गए ब्रिटिश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट और इंडियन यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने खुद को उससे अलग कर लिया था।
खुद को ईसीआइएल का पूर्व कर्मचारी बताने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है। वह ईसीआइएल का कर्मचारी नहीं था। उन्होंने कहा कि अभी तक ईवीएम में छेड़छाड़ का एक भी मामला अदालत में साबित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।