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सीडीएस जनरल रावत ने कहा- भारतीय सेनाएं बेहद जटिल माहौल में काम कर रहीं

अगर भारत की सैन्य ताकत मजबूत नहीं रही तो देश की विरोधी ताकतें इस बात का फायदा उठाएंगी। भारतीय सशस्त्र सेनाएं बहुत ही जटिल और अनिश्चित माहौल में काम कर रही हैं। भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को पड़ोसी मित्र देशों के साथ साझा करना चाहता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 06:54 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 06:54 PM (IST)
सीडीएस जनरल रावत ने कहा- भारतीय सेनाएं बेहद जटिल माहौल में काम कर रहीं
भारत की सैन्य ताकत मजबूत नहीं रही तो विरोधी ताकतें फायदा उठाएंगी।

नई दिल्ली, प्रेट्र। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर भारत की सैन्य ताकत मजबूत नहीं रही तो देश की विरोधी ताकतें इस बात का फायदा उठाएंगी। भारतीय सशस्त्र सेनाएं बहुत ही जटिल और अनिश्चित माहौल में काम कर रही हैं। उन्हें क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाना जारी रखना होगा।

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सीडीएस रावत ने कहा- भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को पड़ोसी मित्र देशों के साथ साझा करना चाहता

सीडीएस रावत ने मंगलवार को कहा कि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को पड़ोसी मित्र देशों के साथ साझा करना चाहता है। अगर दूरस्थ पड़ोसी भी भारत का समर्थन चाहेंगे तो वह उनका भी साथ देगा।

सीडीएस रावत ने कहा- देश की रक्षा के लिए सशक्त सेना की जरूरत है

रक्षा और सैन्य मुद्दों के पोर्टल भारतशक्ति.इन के पांचवें सालाना सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में जनरल रावत ने कहा कि आज हम बेहद जटिल, अनिश्चित और परिवर्तनशील माहौल में काम कर रहे हैं। विश्व के लगभग सभी क्षेत्रों में छोटी या बड़ी लड़ाइयां चल रही हैं। इसलिए अगर हमें अपनी रक्षा करनी है, अपने देश की रक्षा करनी है, अपने देश की अखंडता की रक्षा करनी है और अपनी जनता की सुरक्षा करनी है तो हम सभी को सशक्त सेना की जरूरत है।

सीडीएस ने कहा- क्षेत्र में शांति की स्थापना के लिए सशक्त सैन्य बल आवश्यक

उन्होंने कहा कि फिर हम कहते हैं कि सशस्त्र सेनाओं को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए? सशस्त्र सेनाओं को ऐसी क्षमताएं विकसित करनी चाहिए कि क्षेत्र में शांति की स्थापना हो। अगर हमारे पास सशक्त सैन्य बल नहीं होंगे तो विरोधी इस बात का फायदा उठा लेंगे।

भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव को लेकर रक्षा क्षेत्र में नई तकनीकों को मिलेगा बढ़ावा 

जनरल रावत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब छह महीने से भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है। इसी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढ़ते हुए बताया गया है कि आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए रक्षा क्षेत्र में आधुनिक उपकरणों के निर्माण और नई तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए अभियान छेड़ा गया है।


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