सीमा पर गतिरोध के बीच जनरल बिपिन रावत का लद्दाख दौरा, सुरक्षा व्यवस्था का लेंगे जायजा
भारतीय सेना के करीब 50000 सैनिक पूर्वी लद्दाख में विभिन्न स्थानों पर तैनात किए गए हैं। वहीं अधिकारियों के अनुसार चीन की तरफ से भी इतने ही सैनिक तैनात हैं। एक सूत्र के मुताबिक सीडीएस पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में समग्र सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा करेंगे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत देश की समग्र सैन्य तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लद्दाख दौरे पर हैं। यहां पिछले आठ महीनों से चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय और चीनी सैनिक ऊंचे पहाड़ों पर तैनात हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि जनरल रावत को लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा की स्थिति से अवगत कराएंगे। इससे पहले जनरल बिपिन रावत ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दिबांग घाटी, लोहित सेक्टर और सुबानसिरी घाटी में विभिन्न चौकियों और ठिकानों का दौरा किया था। एक सूत्र के मुताबिक, 'सीडीएस पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में समग्र सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा करेंगे।' इसके अलावा जनरल रावत के मंगलवार को लद्दाख से कश्मीर की यात्रा करने की भी उम्मीद है। आर्मी और भारतीय वायु सेना (आइएएफ) पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के मद्देनजर चीन के साथ लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी के पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार अवस्था में तैनात है।
भारतीय सेना के करीब 50,000 सैनिक पूर्वी लद्दाख में विभिन्न स्थानों पर तैनात किए गए हैं। वहीं, अधिकारियों के अनुसार, चीन की तरफ से भी इतने ही सैनिक तैनात हैं। दोनों पक्षों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई चरण की वार्ता के बावजूद अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।