सीडीएस बिपिन रावत ने राफेल में भरी उड़ान, आसमान में अठखेलियां करते नजर आए दोनों देशों के लड़ाकू विमान
भारत और फ्रांस की वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट-21 के दौरान गुरुवार को राजस्थान के जोधपुर एयरबेस से दोनों देशों के राफेल विमानों ने उड़ान भरी। इसके बाद सुखाई और मिराज भी आसमान में अठखेलियां करते नजर आए।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के जोधपुर एयरबेस से गुरुवार को भारतीय राफेल विमान ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। भारत और फ्रांस की वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट-21 के दौरान दोनों देशों के राफेल विमानों ने उड़ान भरी। इसके बाद सुखाई और मिराज भी आसमान में अठखेलियां करते नजर आए। सीडीएस (चीफ आफ डिफेंस स्टॉफ) बिपिन रावत भी इस दौरान जोधपुर एयरबेस पर पहुंचे। उन्होंने राफेल विमान में उड़ान भी भरी। सीडीएस रावत को संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान अपनाई जाने वाली रणनीति के बारे में बताया गया।
गौरतलब है कि बुधवार से शुरू हुआ भारत और फ्रांस की सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास एक सप्ताह तक चलेगा। दोनों देशों के राफेल फाइटर्स सहित अन्य विमान बुधवार को ही पहुंच गए थे। युद्धाभ्यास में शामिल दोनों देशों के सैनिकों का पहले दिन एक-दूसरे से परिचय हो गया था। इसके बाद देर रात तक वॉर रूम में युद्धाभ्यास की रणनीति तैयार की गई। गुरुवार सुबह जल्द दोनों देशों की टीमें तैयारी के साथ एयरबेस पर पहुंचीं।
पहले फ्रांस के राफेल विमानों ने उसके बाद भारत के विमानों ने उड़ान भरी। युद्धाभ्यास में एक-दूसरे को पीछे छोड़ते हुए एक-दूसरे के एयरस्पेस में घुसकर टारगेट को ध्वस्त करने का खेल शुरू हुआ। इस दौरान एक टीम हमलावर तो दूसरी रक्षात्मक रही। हमलावर टीम को दूसरी टीम के सुरक्षा घेरे को भेदते हुए अंदर प्रवेश कर के अटैच अभ्यास करना था। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे पर डमी मिसाइलें दागीं।
एयरबेस पर ही वॉर रूम बनाया गया है। इसमें दोनों देशों के विशेषज्ञ युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे विमानों और पायलटों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। इनके निर्देश पर ही दोनों देशों के लड़ाकू विमानों के बीच युद्धाभ्यास चलता है। युद्धाभ्यास में भरतीय वायुसेना के विमानों में मिराज-2000, एसयू-30, एमकेआइ, आइएल-78, फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट, एयरबोर्न अर्ली वाìनग एंड सिस्टम शामिल हैं। वहीं, फ्रांस के विमानों में फ्रांसीसी राफेल, एयरबस ए-330,मल्टीरोल टैंकर ट्रांसपोर्ट,ए-400 एम टैक्निकल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल हैं। फ्रांस के 175 वायुसैनिक इस युद्धाभ्यास में भाग ले रहे हैं।