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दो भागों में बांटा गया सीबीएसई के 10वीं और 12वीं कक्षा का एकेडमिक सेशन, जानिए कब होंगी 2021-22 की परीक्षाएं

बोर्ड परीक्षा 2021-22 के पाठ्यक्रम को जुलाई 2021 में अधिसूचित किए जाने वाले पिछले शैक्षणिक सत्र के समान ही युक्तिसंगत बनाया जाएगा। पाठ्यचर्या के संचालन पर स्कूल वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर और एनसीइआरटी के इनपुट का भी उपयोग करेंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 08:32 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 06:50 AM (IST)
दो भागों में बांटा गया सीबीएसई के 10वीं और 12वीं कक्षा का एकेडमिक सेशन, जानिए कब होंगी 2021-22 की परीक्षाएं
आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वर्क को और अधिक विश्वसनीय व वैध बनाने के प्रयास

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सोमवार को करोना महामारी के मद्देनजर अगले साल होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक विशेष मूल्यांकन योजना की घोषणा की। इस व्यवस्था में शैक्षणिक सत्र को दो टर्म में विभाजित किया गया है। बोर्ड ने 2021-22 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने और आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वर्क को अधिक 'विश्वसनीय' और 'वैध' बनाने की योजना की भी घोषणा की है।

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सीबीएसई के निदेशक (अकादमिक) जोसेफ इमैनुएल के एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, एक टर्म की परीक्षा नवंबर-दिसंबर, 2021 में आयोजित की जाएगी। जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल, 2022 में प्रस्तावित है।।

उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों द्वारा अवधारणाओं और विषयों के परस्पर संबंध को देखते हुए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन करते हुए दो टर्म में विभाजित किया जाएगा।

द्विभाजित पाठ्यक्रम के आधार पर आयोजित होंगी परीक्षाएं

उन्होंने कहा कि बोर्ड हर टर्म के अंत में द्विभाजित पाठ्यक्रम के आधार पर परीक्षा आयोजित करेगा। ऐसा शैक्षणिक सत्र के अंत में बोर्ड द्वारा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा आयोजित करने की संभावना को बढ़ाने के लिए किया गया है।

बोर्ड परीक्षा 2021-22 के पाठ्यक्रम को जुलाई 2021 में अधिसूचित किए जाने वाले पिछले शैक्षणिक सत्र के समान ही युक्तिसंगत बनाया जाएगा। पाठ्यचर्या के संचालन पर स्कूल वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर और एनसीइआरटी के इनपुट का भी उपयोग करेंगे।

आंतरिक मूल्यांकन और परियोजना कार्य को और अधिक विश्वसनीय बनाने का प्रयास

उन्होंने कहा कि अंकों का उचित वितरण सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड द्वारा घोषित दिशा-निर्देशों और माडरेशन नीति के अनुसार आंतरिक मूल्यांकन, व्यावहारिक, परियोजना कार्य को अधिक विश्वसनीय और वैध बनाने का प्रयास किया जाएगा।

बोर्ड की यह योजना कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में आई है। इस महामारी के चलते पिछले साल कुछ विषयों की बोर्ड परीक्षाओं को रद करने और इस साल बोर्ड परीक्षाओं को पूरी तरह से रद करने के लिए मजबूर कर दिया।


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