सीबीआइ के फंदे में फंसे एएमयू के दो प्रोफेसर
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी [एएमयू] के अजमल खां तिब्बिया कॉलेज के प्राचार्य और एक प्रोफेसर सीबीआइ के फंदे में फंस गए हैं। दोनों प्रोफेसरों पर निजी मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने में मूलभूत सुविधाओं के मामले में गलत रिपोर्ट देने का आरोप है। सीबीआइ ने एएमयू के कुलपति से दोनों के विरुद्ध अभियोग शुरू करने की अनुमति मांगी है। यह मामला 15 दिसंबर को एएमयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की प्रस्तावित बैठक में भी रखा जाना है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी [एएमयू] के अजमल खां तिब्बिया कॉलेज के प्राचार्य और एक प्रोफेसर सीबीआइ के फंदे में फंस गए हैं। दोनों प्रोफेसरों पर निजी मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने में मूलभूत सुविधाओं के मामले में गलत रिपोर्ट देने का आरोप है। सीबीआइ ने एएमयू के कुलपति से दोनों के विरुद्ध अभियोग शुरू करने की अनुमति मांगी है। यह मामला 15 दिसंबर को एएमयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की प्रस्तावित बैठक में भी रखा जाना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आयुष [आयुर्वेद, सिद्ध, योग एवं नेचुरोपैथी, यूनानी व होम्योपैथी] विभाग की ओर से कॉलेजों को मान्यता देने के लिए देशभर के तमाम शिक्षकों का पैनल बनाया गया है। आरोप है कि अजमल खां तिब्बिया कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सऊद अली खान और यहीं के मुआलिजात विभाग के प्रोफेसर अबू बकर खान ने एक निजी यूनानी मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने संबंधी जांच में ईमानदारी नहीं बरती। सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ को प्राथमिक जांच में ऐसे कई तथ्य हाथ लगे हैं, जो दोनों प्रोफेसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पर्याप्त हैं।
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