एयर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडिस छह जून तक तलब, नियमों के उल्लंघन का आरोप
फर्नांडिस को ई-मेल भेजकर दिल्ली स्थित सीबीआइ के मुख्यालय में तलब किया गया है। साथ ही उन्हें अपना बयान दर्ज कराने को भी कहा गया है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने मलेशिया में केंद्रित एयर एशिया समूह के सीईओ टोनी फर्नांडिस को छह जून तक पूछताछ के लिए पेश होने का समन भेजा है।
एक सीबीआइ सूत्र ने शुक्रवार को बताया कि फर्नांडिस को ई-मेल भेजकर दिल्ली स्थित सीबीआइ के मुख्यालय में तलब किया गया है। साथ ही उन्हें अपना बयान दर्ज कराने को भी कहा गया है। सूत्र का कहना है कि फर्नांडिस से भारत में कंपनी के निवेश के लिए एफआइपीबी से मंजूरी के संबंध में सवाल पूछे जाने की जरूरत है।
नियम में बदलाव कराने की कोशिश
सीबीआइ का आरोप है कि उसने नागरिक उड्डयन नीति के नियम 5/20 में बदलाव कराने की कोशिश की थी, ताकि एयर एशिया अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कर सके। इसकी मंजूरी के लिए नियम है कि एक एयरलाइन को भारत में कम से कम पांच साल तक उड़ानें करनी होंगी। साथ ही उसके पास उड़ानों के लिए कम से कम बीस विमान होने चाहिए।
स्पष्ट नहीं है कि रकम किसको दी गई
सीबीआइ की एफआइआर के मुताबिक दिसंबर, 2014 तक फ्लाइट में कैटरिंग की कंपनी चलाने वाले सुनील कपूर ने बो लिंगम के साथ मिलकर 5/20 के नियम को तोड़ने के लिए एक मुश्त 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह रकम किसको दी गई थी। फर्नांडिस पर यह भी आरोप है कि वह एयर एशिया इंडिया की पूर्व सीईओ मिट्टू शांडिल्य पर दबाव डाल रहे थे कि भारत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की नियामक नीति में वह बदलाव करवा दें ताकि कंपनी को फायदा हो।
दस्तावेजों की पड़ताल जारी
सीबीआइ अफसर ने बताया कि एफआइआर में दर्ज अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जांच एजेंसी अलग से समन भेजेगी। साथ ही केस से जुड़े सभी दस्तावेजों की पड़ताल जारी है। ध्यान रहे कि सीबीआइ ने इस मामले में विगत सोमवार को ही एक एफआइआर दर्ज की है जिसमें आरोपियों में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कुछ अज्ञात कर्मचारी और तत्कालीन फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआइपीबी) के अलावा एयर एशिया इंडिया के निदेशक आर. वेंकटरामनन और डिप्टी सीईओ टी. कनगालिंगम उर्फ बो लिंगम के नाम भी शामिल हैं। मालूम हो कि वेंकटरामनन ने अपने खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया है।
नियमों को तोड़ा
उल्लेखनीय है कि टाटा संस के संयुक्त उपक्रम वाली एयर एशिया इंडिया लिमिटेड (एएआइएल) एयरलाइंस के कुछ बड़े अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय रूटों पर उड़ान के लाइसेंस हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के नियमों को तोड़ा है। साथ ही नियमों में ढील के लिए कुछ सरकारी अफसरों को रिश्वत भी दी है।
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