राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पूर्व विशेष निदेशक का फोन टैप नहीं किया गया: सीबीआइ
सीबीआइ ने अपने शपथपत्र में कहा है कि अजीत डोभाल व राकेश अस्थाना का फोन कभी भी नहीं टैप नहीं किया गया। केंद्र सरकार व सीबीआइ ने मुख्य पीठ के समक्ष शपथ पत्र दाखिल किया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल व सीबीआइ के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के अवैध तरीके से फोन कॉल टैप करने के मामले में सीबीआइ व केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। सीबीआइ ने अपने शपथपत्र में कहा है कि अजीत डोभाल व राकेश अस्थाना का फोन कभी भी नहीं टैप नहीं किया गया।
केंद्र सरकार व सीबीआइ ने मुख्य पीठ के समक्ष शपथ पत्र दाखिल किया। इसमें सीबीआइ ने कहा कि फोन टैपिंग को लेकर केंद्र सरकार ने कुछ दिशा निर्देश दिए हैं। उनका सख्ती से पालन किया जा रहा है। किसी भी नंबर को अवैध तरीके से सर्विलांस पर नहीं लगाया जाता है।
वहीं, याचिकाकर्ता वकील ने एनएसए के फोन टैपिंग मामले को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया। इसकी जांच के लिए उन्होंने विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है। साथ ही फोन टैपिंग व किसी को सर्विलांस पर रखने को लेकर दिशा-निर्देश तय करने की भी मांग की है, ताकि एजेंसी इसका दुरुपयोग न कर सके।
इस पर गृह मंत्रालय की तरफ से दाखिल शपथ पत्र में कहा गया कि ऐसे मामलों की समीक्षा के लिए पहले से ही रिव्यू कमेटी का गठन किया जा चुका है। वह ऐसे मामलों का स्वत: संज्ञान लेकर 60 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देती है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पूर्व सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा एवं तत्कालीन स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद के दौरान अजीत डोभाल के अलावा कई लोगों का फोन टैप किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के बीच विवाद के दौरान विशेष निदेशक अस्थाना के कई अधिकारी व एनएसए मुखिया से हुई बातचीत की जानकारी तत्कालीन निदेशक वर्मा को मिल रही थी। उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग तय करने के लिए अधिकारी का पद व नाम तय किया जाए।