सीबीआइ ने बीना रायजदा के खिलाफ फर्जी हस्ताक्षर मामले में दर्ज किया केस
सीबीआई ने बीना रायजदा पर सीबीआई के ब्रांच प्रमुख का फर्जी हस्ताक्षर करने के लिए मामला दर्ज किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण साख के संकट से जूझ रही सीबीआइ की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने अब अपने डिप्टी लीगल एडवाइजर (डीएलए) के खिलाफ फर्जीवाड़े के आरोप में एफआइआर दर्ज की है। डीएलए बीना रायजादा सीबीआइ के भ्रष्टाचार निरोधक शाखा चार (एसी-4) में तैनात थी और व्यापम घोटाले से जुड़े मामले देख रही थी।
सीबीआइ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीना रायजादा पर अपने वरिष्ठ अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से अपनी वार्षिक एप्रेजल रिपोर्ट बनाकर विभाग को सौंपने का है। बीना रायजादा ने पटना में कानूनी सलाहकार रहते हुए वहां के तत्कालीन डीआइजी वीके सिंह का हस्ताक्षर का फर्जी एप्रेजल रिपोर्ट तैयार कर सीबीआइ को सौंप दिया था। एप्रेजल रिपोर्ट में रायजादा के काम को 'बेहतरीन' बताया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर न सिर्फ रायजादा को प्रोन्नति मिली, बल्कि उन्हें दिल्ली में स्थानान्तरण कर व्यापम घोटाले जैसे बड़े मामले की जांच से जोड़ दिया गया। जबकि पटना में लंबी छुट्टी पर रहने और कोई अहम जिम्मेदारी नहीं संभालने के कारण रायजादा की अप्रेजल रिपोर्ट पर संदेह हुआ और इसकी प्रारंभिक जांच शुरू हुई।
प्रारंभिक जांच के दौरान वर्तमान में जयपुर से महानिरीक्षक वीके सिंह ने एप्रेजल रिपोर्ट पर अपना हस्ताक्षर होने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि हस्ताक्षर उनके जैसा देखने में जरूर लगता है, लेकिन उन्होंने कभी ऐसी रिपोर्ट दी ही नहीं थी। उनका कहना था कि रायजादा के काम को 'बेहतरीन' बताना संभव ही नहीं था क्योंकि वह लंबे समय तक छुट्टी पर थी। प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआइ ने फर्जीवाड़े के आरोप में एफआइआर दर्ज कर रायजादा के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।