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CBI Director: इस नियम के कारण सीबीआइ प्रमुख की दौड़ से बाहर हुए राकेश अस्थाना और वाइएस मोदी

वरिष्ठ आपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना और वाइएस मोदी दोनों गुजरात कैडर के हैं और सीबीआइ निदेशक पद के लिए केंद्र सरकार के पसंदीदा अधिकारियों में गिने जा रहे थे। वाइसी मोदी 31 मई को रिटायर हो रहे हैं जबकि बीएसएफ के महानिदेशक राकेश अस्थाना 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 11:18 PM (IST)
CBI Director:  इस नियम के कारण सीबीआइ प्रमुख की दौड़ से बाहर हुए राकेश अस्थाना और वाइएस मोदी
वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना और वाइसी मोदी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सीबीआइ के नए प्रमुख की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तय एक नियम के चलते इस दौड़ में शामिल दो प्रमुख नाम विचार करने से पहले ही बाहर हो गए। समझा जाता है कि सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार समिति की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एमवी रमना ने छह महीने से कम कार्यकाल वाले अधिकारियों को डीजी स्तर पर नियुक्त नहीं करने के नियम का हवाला दिया। इसकी वजह से सीबीआइ निदेशक बनने के सबसे प्रबल दावेदारों में गिने जा रहे राकेश अस्थाना और वाईसी मोदी दोनों दौड़ से बाहर हो गए।

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चीफ जस्टिस ने इस नियम का दिया हवाला

वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना और वाईसी मोदी दोनों गुजरात कैडर के हैं और सीबीआइ निदेशक पद के लिए केंद्र सरकार के पसंदीदा अधिकारियों में गिने जा रहे थे। वाईसी मोदी इसी 31 मई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से रिटायर हो रहे हैं, जबकि बीएसएफ के महानिदेशक राकेश अस्थाना 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे। पैनल की करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में इसके बाद सीबीआइ के नए निदेशक के लिए तीन नामों का पैनल तय हुआ, जिसमें सीआइएसएफ के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी और एसएसबी के महानिदेशक केआर चंद्रा शामिल हैं।

नियुक्ति पैनल के तीसरे सदस्य कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने किया नियम का समर्थन

वरिष्ठता के लिहाज से महाराष्ट्र कैडर के जायसवाल सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। बताया जाता है कि सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति पैनल में शामिल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इन नामों पर कोई एतराज नहीं जताया लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया और पैनल को लेकर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के रवैये की आलोचना की और इस पर अपनी असहमति फाइल में दर्ज कराई।

इस बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि सीबीआइ निदेशक जैसे अहम पद की नियुक्ति प्रक्रिया में डीओपीटी की गंभीरता की कमी को लेकर उन्होंने एतराज इसलिए जताया कि पैनल में पहले 11 मई को 109 नाम भेजे गए। इसके बाद सोमवार को बैठक से पहले दिन में एक बजे 10 नाम भेजे गए और शाम चार बजे छह नामों को शार्टलिस्ट कर भेजा गया जो डीओपीटी के गैर पेशेवर रुख को जाहिर करता है।


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