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भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआइ की मुहिम, देश भर में 100 जगहों पर मारे छापे, जानें कौन रहा निशाने पर

केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को 15 राज्यों में कम से कम 100 स्थानों पर छापेमारी की। इन छापों के केंद्र में रेलवे समेत कुछ दूसरे विभाग रहे। सीबीआइ ने ऐसे सरकारी कार्यालयों का पता लगाने की कोशिश की जहां ज्‍यादा भ्रष्टाचार की आशंका है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 06:09 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 07:08 AM (IST)
भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआइ की मुहिम, देश भर में 100 जगहों पर मारे छापे, जानें कौन रहा निशाने पर
केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को 15 राज्यों में कम से कम 100 स्थानों पर छापेमारी की।

नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र सरकार के दफ्तरों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भ्रष्टाचार का पता लगाने के लिए सीबीआइ ने देशव्यापी औचक निरीक्षण किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआइ के अभियान की व्यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 25 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 100 से अधिक स्थानों पर सीबीआइ की टीम ने छानबीन की और बड़े पैमाने पर दस्तावेजों को जब्त किया। 

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केंद्र सरकार के 30 विभागों में छानबीन 

सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी और गड़बड़ी पाए जाने की स्थिति में एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार के औचक निरीक्षण में केंद्र सरकार के 30 विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में तलाशी ली गई। औचक निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विजिलेंस विभाग के अधिकारी भी सीबीआइ की टीम के साथ थे। 

निशाने पर रहे ये विभाग 

जिन विभागों में औचक निरीक्षण किया गया, उनमें एफसीआइ, रेलवे, आइओसी, कस्टम, एनडीएमसी, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, सीपीडब्ल्यूडी, बीएसएनएल, एनबीसीसी, जीएसटी, पोस्टल जैसे विभाग शामिल हैं। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिन विभागों में औचक निरीक्षण किया गया, उनमें लंबे समय से भ्रष्टाचार और अनियमितता की शिकायतें मिल रही थीं। लेकिन एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई के लिए ठोस सुबूत नहीं मिल रहे थे। 

सभी जगहों पर एक साथ छापे 

सभी शिकायतों और अन्य सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर विभिन्न विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के दफ्तरों की पहचान की गई। इसके बाद इन सभी जगहों पर एक साथ निरीक्षण का फैसला किया गया। जाहिर है कि इसकी तैयारी लगभग तीन महीने पहले शुरू कर दी गई थी लेकिन इसकी खबर किसी को नहीं लगने दी गई। 

भ्रष्टाचार के खिलाफ कारगर उपाय 

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भ्रष्टाचार रोकने में इस तरह का औचक निरीक्षण अहम साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि औचक निरीक्षण में मिले दस्तावेजों की जांच के बाद गड़बड़ी जाने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। शुक्रवार को जिन स्थानों पर छापे मारे गए उनमें मेरठ, प्रयागराज, बदरपुर, गोरखपुर, आगरा, फिरोजपुर, पटना, रांची, धनबाद और दिल्ली शामिल हैं।


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