Madhya Pradesh: कैट पहुंचे निलंबित IPS पुरुषोत्तम शर्मा की याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस
कैट की शरण में पहुंचे निलंबित आइपीएएस पुरुषोत्तम शर्मा की याचिका पर सुनवाई हुई। कैट ने मामले में एकतरफा कार्यवाही करने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी।
जबलपुर, पीटीआइ। मध्य प्रदेश के जबलपुर, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) की शरण में पहुंचे निलंबित आइपीएस पुरुषोत्तम शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। कैट ने नोटिस में साफ तौर पर निलंबित आइपीएस द्वारा पत्नी के साथ मारपीट मामले में एकपक्षीय कार्यवाही पर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी।
28 सितंबर को हुए थे निलंबित
बता दें कि राज्य सरकार ने 29 सितंबर को सोशल विशेष महानिदेशक के पद से पुरुषोत्तम शर्मा कर दिया था। दरअसल, सोशल मीजिया पर ऑफिसर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह अपनी पत्नी के साथ मारपीट करते हुए नजरआए रहे थे।
कैग में दायर की थी याचिका
पूर्व आइपीएस ऑफिसर ने अपने निलंबन पर एकतरफा कार्यवाही करने को लेकर चुनौती दी थी। कैट में दायर की गई है याचिका के मुतााबिक, अधिकारी मनोज शर्मा ने बताया कि उनकी द्वारा दायर की गई याचिका 'कारण बताओ' नोटिस के जवाब में दायर हुई है। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार एकतरफा सुनवाई करते हुई उन्हें निलंबित किया गया है। कैट बैच में याचिका आने से पहले मामले की सुनवाई न्यायिक सदस्य आरएस ठाकुर और प्रशासनिक कर रहे थे। बैच ने मामले में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
पिता के समर्थन में आई थी बेटी
बता दें कि पत्नी से मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद डीजी पुरुषोत्तम शर्मा के समर्थन में उनकी बेटी देवांशी गौतम आई थी। देवांशी ने अपनी मां प्रिया को मानसिक बीमार बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि उनके पिता मां की वजह से मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। ऐसी मां की बेटी होना मेरे लिए भी दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी मां घर को आग लगाने का प्रयास भी कर चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कई बार खुद को मारने के प्रयास भी किए हैं। यही वजह है कि मैं और मेरे पिता उनसे बहुत कम बातचीत करते हैं। उधर, घटना के चश्मदीद अर्दलियों ने भी शर्मा का बचाव किया है।