कालीन का शहर भदोही को मिला 'टाउन्स ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस' का तमगा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के हाथ से बुने हुए कालीनों की हिस्सेदारी 30 फीसद है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दुनियाभर में हाथ से बुने हुए कालीनों के लिए प्रसिद्ध शहर भदोही को सरकार ने 'टाउन्स ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस' टैग प्रदान किया है। इसके तहत शहर के कालीन निर्माताओं को आधुनिक मशीन खरीदने के लिए सरकार से वित्तीय सहायता मिलेगी। उन्हें बेहतर निर्यात इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को आकर्षित करने के लिए दुनियाभर में मेले और प्रदर्शिनियां आयोजित की जाएंगी।
कालीन उद्योग को मिलेगी कई सुविधाएं
एक अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शहर को यह दर्जा प्रदान किया है। भदोही गंगा नदी के किनारे स्थित एक छोटा-सा शहर है। इस दर्जे को हासिल करने वाला यह 37वां शहर होगा।
कालीनों का निर्यात बढ़ाने में मिलेगी मदद
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस के प्रेसिडेंट गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि भदोही के कालीन निर्माता लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। इससे शहर को वास्तव में बढ़ावा मिलेगा। इस टैग से यह शहर अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस टैग का लाभ छोटे कारीगरों और बुनकरों को भी मिलना चाहिए और यह लाभ सिर्फ बड़े कारोबारियों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। चीन जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा झेल रहे इस घरेलू उद्योग को अपने विकास और निर्यात को बढ़ाने के लिए इस टैग के तहत कई प्रोत्साहन मिलेंगे।
भदोही के कालीन निर्यातक और ईस्टर्न यूपी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन एवं ऑल इंडिया कार्पेट ट्रेड फेयर कमेटी के प्रेसिडेंट भोलानाथ बर्णवाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के हाथ से बुने हुए कालीनों की हिस्सेदारी 30 फीसद है। वे 2022 तक इसे बढ़ाकर 50 फीसद करना चाहते हैं। सरकार के इस कदम से इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
यह टैग हासिल करने वाले अन्य प्रमुख शहरों में तिरुपुर, लुधियाना, कनूर, करुर, देवास, इंदौर, भीलवाड़ा, सूरत, कानुपर, अंबुर, जयपुर और श्रीनगर भी शामिल हैं।