कोरोना के चलते केंद्रीय सशस्त्र बलों ने 15 अप्रैल तक जवानों के गैर जरूरी आवागमन पर लगाई रोक
कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) ने 15 अप्रैल तक अपने जवानों के गैरजरूरी आवागमन को स्थगित कर दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) ने 15 अप्रैल तक अपने जवानों के गैरजरूरी आवागमन को स्थगित कर दिया है। साथ ही छुट्टी पर चल रहे जवानों ने अपने अवकाश की अवधि 10 दिनों यानी 15 अप्रैल तक बढ़ा दी है। इससे पहले मार्च मध्य में सीएपीएफ ने अपने जवानों और अफसरों को पांच अप्रैल तक 'जहां हैं वहीं बने रहें' का आदेश जारी किया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया, 'नए आदेश के तहत सभी गैरजरूरी व सामान्य आवागमन, तबादला और नियुक्ति के काम पर रोक लगा दी गई है। आवागमन के दौरान कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सक्षम प्राधिकार ने यह आदेश दिया है। वे जवान या अधिकारी जो अवकाश पर थे और पांच अप्रैल से पहले योगदान देने वाले थे, वे अब 10 दिनों की छुट्टी बढ़ाने का आवेदन दे सकते हैं।' संबंधित जवान या अधिकारी अवकाश बढ़ाने की स्वीकृति फोन पर अपने उच्चाधिकारी से ले सकते हैं।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि छुट्टी पर गए या प्रशिक्षण पा रहे जवानों या अधिकारियों को आवागमन की इजाजत सिर्फ आपात स्थिति में दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए वरिष्ठ कमांडर से पूर्व में अनुमति लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि देश में केंद्रीय शसस्त्र बलों की संयुक्त क्षमता 10 लाख है। इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआइएसएफ, आइटीबीपी और एसएसबी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों अर्धसैनिक बलों ने अपनी सभी जवानों को निर्देश दिया है कि वह कोविड-19 से सुरक्षा के लिए अवकाश के दौरान या 'वर्क फ्रॉम होम' की स्थिति में हरेक दिन वाट्स ऐप पर अपनी 'लाइव लोकेशन' रखेंगे। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि अवकाश या 'वर्क फ्रॉम होम' के दौरान कोई भी अधिकारी छूट का दुरुपयोग न करे। वह अपनी सुरक्षा के लिए हर हालत में घर पर ही रहें।