'पाकिस्तान से वार्ता रद करना सही कदम, धोखेबाजों को सबक सिखाने की जरूरत'
पाकिस्तान से वार्ता रद करने के भारत सरकार के फैसले की करगिल हीरो कैप्टन कालिया के पिता ने सराहना की है।
पालमपुर, हिमाचल प्रदेश (एएनआइ)। करगिल वॉर के हीरो शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के पिता ने पाकिस्तान से वार्ता रद करने के भारत सरकार के फैसले की सराहना की है। कैप्टन कालिया के पिता डॉ. एनके कालिया ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं की जानी चाहिए, जब तक ये साबित न हो कि उसका इरादा नेक है।
दरअसल, पाकिस्तान पर भरोसा करके भारत सरकार ने वार्ता के लिए हामी भरी थी, लेकिन एक बार फिर पाकिस्तान ने अपना दोहरा चरित्र दिखाकर यह साबित कर दिया कि गोली और बोली का साथ चलना मुश्किल है। हरियाणा के बीएसएफ जवान की पाकिस्तान सेना की ओर से की गई निर्मम हत्या के बाद भारत सरकार ने भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच अगले हफ्ते प्रस्तावित वार्ता को रद कर दिया है।
बीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह की निर्मल हत्या ने कैप्टन सौरभ कालिया के परिजनों का जख्म एक बार फिर से हरा कर दिया। कैप्टन कालिया के साथ भी पाकिस्तानी सेना ने इंसानियत को शर्मसार करने वाली हरकत की थी, उस दर्द और गुस्से को आजतक न तो उनका परिवार भूला पाया है और न ही देश। वार्ता रद होने पर डॉ. एनके कालिया ने कहा कि पाकिस्तान एक ओर तो दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है और दूसरी तरफ सीमा पर हमारे जवानों की निर्मम हत्या कर रहा है। ऐसे में दोस्ती के लिए वार्ता कैसे की जा सकती है?
'धोखेबाजों को सबक सिखाने की जरूरत'
उन्होंने आगे कहा कि जब भी रिश्ते को मजबूत करने के उद्देश्य से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, तब-तब पाकिस्तान ने भारत के लिए कोई न कोई समस्या उत्पन्न करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, 'मुझे डर है कि भविष्य में भी वे (पाकिस्तान) खुद को सुधार नहीं पाएंगे। अगर यह बैठक हुई होती, तो यह एक और व्यर्थ अभ्यास और समय व ऊर्जा की बर्बादी होती।' उन्होंने कहा कि ऐसे धोखेबाजों को तो सबक सिखाने की जरूरत है। डॉ. एनके कालिया ने कहा कि पिछले 70 वर्षों से पाकिस्तान ने केवल भारत के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की काली करतूत का उसे अहसास करवाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार द्वारा इस साहसी कदम का स्वागत देश के सभी देशभक्त लोगों द्वारा किया जाएगा।
बता दें कि पांच मई, 1999 को कैप्टन कालिया और उनके पांच साथियों को पाकिस्तानी फौजियों ने बंदी बना लिया था। 20 दिन बाद वहां से भारतीय जवानों के शव वापस आए तो अटॉप्सी रिपोर्ट से पता चला कि भारतीय जवानों के साथ पाकिस्तान में हद दर्जे की बेरहमी की गई थी। उनके शरीर को सिगरेट से जलाया गया था, उनके कानों में लोहे की सुलगती छड़ें घुसेड़ी गई थीं। इतनी यातना देने के उनकी हत्या कर दी गई थी।
शुक्रवार को कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने की। इतना ही नहीं, पाकिस्तान सरकार की तरफ से आतंकी बुरहान वानी को सम्मान देते हुए 20 डाक टिकट भी जारी किए गए। सरहद पर जवान की नृशंस हत्या के बाद भारत ने इस वार्ता को रद कर दिया। बता दें कि 18 सितंबर को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर के साथ पाकिस्तानी सेना ने बर्बरता की हदें पार कर दी। सांबा जिले के रामगढ़ सब सेक्टर में पाकिस्तान रेंजर्स की गोलाबारी में शहीद हुए जवान के पार्थिव शरीर को भारत को सौंपने के बजाय उसके चीर-फाड़ की गई। शहीद के गले को चाकू से रेतने के साथ उनकी एक आंख को भी निकालने की कोशिश की गई।