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नक्सलगढ़ भेद बंद हाईवे शुरू करने को पांच जगह खोले गए कैंप, निर्माण कार्य को सुरक्षा देंगे जवान

नक्सलियों के गढ़ में दो डिवीजनों के बीच से बन रही सड़क। 20 साल पहले गुलजार था स्टेट हाइवे नंबर पांच।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 09:49 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 09:49 AM (IST)
नक्सलगढ़ भेद बंद हाईवे शुरू करने को पांच जगह खोले गए कैंप, निर्माण कार्य को सुरक्षा देंगे जवान
नक्सलगढ़ भेद बंद हाईवे शुरू करने को पांच जगह खोले गए कैंप, निर्माण कार्य को सुरक्षा देंगे जवान

जगदलपुर, जेएनएन। सुकमा जिले के मरईगुड़ा से राजनांदगांव तक स्टेट हाईवे नंबर पांच को बहाल कराने के लिए फोर्स ने ताकत झोंक दी है। 20 साल पहले नक्सलियों ने अपने आश्रय स्थल अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों को रोकने के लिए दर्जनों जगह इस सड़क को खोद दिया था। पुल-पुलिया ध्वस्त कर दिए थे। अब नारायणपुर जिले के धौड़ाई से दंतेवाड़ा जिले के बारसूर तक 45 किमी लंबी सड़क का नए सिरे से निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए पांच कैंप खोले गए हैं, जहां तैनात जवान दिन-रात निर्माण कार्य को सुरक्षा दे रहे हैं।

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एनएच-पांच के 607 किमी लंबे इस धुर नक्सली मार्ग से कभी वाहनों का काफिला गुजरता था। आज आवागमन बंद रहने से मार्ग के पल्ली-बारसूर पर कई जगह सड़क उखड़ गई है। इस पुराने हाईवे के दोनों ओर नक्सलियों ने बीते सालों में अपने दो डिवीजन खड़े कर लिए हैं। सड़क के एक ओर नक्सलियों की माड़ डिवीजन तो दूसरी ओर पूर्व बस्तर डिवीजन का इलाका है। इस गढ़ को भेदने के लिए फोर्स ने बीते दो-तीन साल से सड़क निर्माण का काम शुरू किया है।

45 किमी के दायरे में पांच जिले

स्टेट हाईवे के 45 किमी के दायरे में धौड़ाई व बारसूर के बीच पांच जिले बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव व नारायणपुर की सीमाएं लगती हैं। इस मार्ग के पल्ली-बारसूर के बीच करीब 50 किमी की दूरी पर पांच जगह सुरक्षा बलों के कैंप खोले गए हैं। इनमें से नारायणपुर जिले में कन्हारगांव, कड़ेनार, कड़ेमेटा में पहले कैंप स्थापित किए गए। इस साल बस्तर जिले के बोदली व कोंडागांव के मालेवाही में कैंप बनाए गए हैं। यहां आइटीबीपी व जिला बल के जवान तैनात हैं। एक कैंप में 200 से अधिक जवान रहते हैं। सुकमा से नारायणपुर तक कई जगह टुकड़ों में सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

बस्तर IG, सुंदरराज पी ने कहा, 'नारायणपुर जिले के धौड़ाई व दंतेवाड़ा जिले के बारसूर के छोर से 10-10 किमी सड़क बन चुकी है। अगले साल मार्च तक बीच की 25 किमी सड़क का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण को सुरक्षा देने के लिए कैंपों की स्थापना की गई है। इस मार्ग के पूरा होने से नक्सलियों के दोनों डिवीजन अलग हो जाएंगे।'


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