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जी-7 देशों की मुहिम से दूर होगी कच्चे माल की कमी, वैक्सीन उत्‍पादन बढ़ाने में मिलेगी मदद

जी-7 देशों की बैठक में जो फैसले हुए हैं वे भारत के लिए काफी मुफीद साबित होने जा रहे हैं। खास तौर पर जिस तरह से जी-7 देशों ने दुनिया के गरीब देशों को 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की मुहिम शुरू करने की घोषणा की है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 11:47 PM (IST)
जी-7 देशों की मुहिम से दूर होगी कच्चे माल की कमी, वैक्सीन उत्‍पादन बढ़ाने में मिलेगी मदद
जी-7 देशों की बैठक में जो फैसले हुए हैं, वे भारत के लिए काफी मुफीद साबित होने जा रहे हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। रविवार को ब्रिटेन में संपन्न हुई जी-7 देशों की बैठक में जो फैसले हुए हैं, वे भारत के लिए काफी मुफीद साबित होने जा रहे हैं। खास तौर पर जिस तरह से जी-7 देशों ने दुनिया के गरीब देशों को 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की मुहिम शुरू करने की घोषणा की है, उसे अंजाम तक पहुंचाने में भारत को अहम भूमिका निभानी होगी। अभी सिर्फ भारत में ही इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन निर्माण करने की क्षमता है।

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कच्चे माल की कमी होगी दूर

जी-7 की इस घोषणा से भारत में वैक्सीन निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल की कमी भी दूर होना तय है। सूत्रों के मुताबिक, दुनिया में जब भी बड़े पैमाने पर वैक्सीन निर्माण की बात होगी तो वह काम भारत के सहयोग के बिना पूरा नहीं होगा। जी-7 के सदस्यों और बैठक में बुलाए गए चारों अन्य देशों को बखूबी पता है कि कोरोना महामारी के खिलाफ उनकी रणनीति भारत की हिस्सेदारी व सहयोग के बिना सफल नहीं होगी।

क्वाड के तहत हो रही चर्चा बेहद खास

यह भी ध्यान रखना चाहिए कि भारत कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए क्वाड गठबंधन के तहत रणनीति में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। क्वाड देश (भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया व जापान) अलग से सौ करोड़ वैक्सीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दर्जनों देशों को उपलब्ध कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके तहत वैक्सीन का निर्माण भारत में ही किया जाना है। सूत्रों का कहना है कि क्वाड के तहत हो रही चर्चा महत्वपूर्ण मुकाम पर है और कुछ हफ्तों में फैसला होने के पूरे आसार हैं।

बढ़ाई जाएगी कच्‍चे माल की उपलब्‍धता

जी-7 की घोषणा के मुताबिक, गरीब देशों को आसानी से वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में वैक्सीन निर्माण की सुविधा स्थापित की जाएगी। इसके लिए कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी। कच्चे माल की उपलब्धता की राह में जो भी बाधाएं हैं, उन्हें दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। खास तौर पर जिन देशों में वैक्सीन निर्माण की क्षमता है, लेकिन कच्चे माल की कमी के कारण नहीं बनाया जा रहा है उनकी दिक्कतें दूर करने की व्यवस्था होगी।

दूर होगी पेटेंट संबंधी दिक्कतें

जी-7 ने वैक्सीन निर्माण में पेटेंट संबंधी दिक्कतें दूर करने में भी मदद देने की बात कही है। बताने की जरूरत नहीं कि जी-7 की उक्त सभी घोषणाएं सीधे तौर पर भारत में कोरोना वैक्सीन निर्माण को बढ़ावा देंगी। असलियत में जी-7 की तरफ से जो महत्वपूर्ण घोषणाएं हुई हैं, भारत उनकी पहले से ही मांग करता रहा है।

कच्चे माल की आपूर्ति बेहतर करने की मांग

मसलन, अमेरिका व ब्रिटेन से वैक्सीन निर्माण के लिए कच्चे माल की आपूर्ति की बाधाएं दूर करने की मांग। भारत की पहचान अभी दुनिया में सबसे सस्ती व सबसे ज्यादा मात्रा में वैक्सीन बनाने वाले देश के तौर पर है। ऐसे में भारत आसानी से दूसरे विकासशील व गरीब देशों की वैक्सीन निर्माण में भी मदद कर सकता है। जानकारों का कहना है कि जी-7 की घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए सदस्य देशों व विशेष तौर पर आमंत्रित देशों (भारत, आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया व दक्षिण अफ्रीका) की विभिन्न एजेंसियों के बीच जल्द ही वार्ता का दौर शुरू होगा। 


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