मॉरिशस के साथ आर्थिक समझौते पर कैबिनेट की हरी झंडी, सेवा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच खुलेंगे कई अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने बुधवार को मॉरिशस के साथ कंप्रेहेंसिव इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईसीपीए) के लिए अपनी मंजूरी दे दी। दोनों देशों की आपसी सहमति से तारीख निर्धारित कर जल्द ही इस समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने बुधवार को मॉरिशस के साथ कंप्रेहेंसिव इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईसीपीए) के लिए अपनी मंजूरी दे दी। दोनों देशों की आपसी सहमति से तारीख निर्धारित कर जल्द ही इस समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
मॉरिशस में सेवा क्षेत्र के लिए भी मौके खुलेंगे
मॉरिशस के साथ सीईसीपीए होने से भारत से 310 उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। इनमें कृषि व खाद्य उत्पादों के साथ-साथ टेक्सटाइल, प्लास्टिक, केमिकल के उत्पाद शामिल हैं। मॉरिशस में सेवा क्षेत्र के लिए भी मौके खुलेंगे। 11 प्रकार के सेवा क्षेत्र में भारत के प्रोफेशनल्स मॉरिशस में अपनी सेवा दे सकेंगे। इन क्षेत्रों में मुख्य रूप से दूरसंचार, निर्माण, शिक्षा, पर्यावरण, वित्त, पर्यटन, योग व यातायात जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
कृषि एवं खाद्य पदार्थों के निर्यात में होगी आसानी
दोनों देशों के बीच सीईसीपीए से मॉरिशस को भारत में अपने कई उत्पादों को भेजने में सहूलियत होगी। इनमें बिस्कुट, ताजा फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, शराब, साबुन, बैग शामिल हैं। सीईसीपीए के तहत उत्पादों के निर्माण के मूल स्थान को भी जोड़ा गया है।
मॉरिशस में बने उत्पादों को भारत में भेजे जाने पर शुल्क में मिलेगा रियायत का लाभ
मतलब मॉरिशस में बने उत्पादों को ही भारत में भेजे जाने पर उन्हें शुल्क में रियायत का लाभ मिलेगा। मॉरिशस के रास्ते आने वाले किसी और देश के उत्पाद इस दायरे में नहीं आएंगे।
भारत ने 2016 में मॉरिशस को विशेष इकोनॉमिक पैकेज दिया था
विकास के मामले में मॉरिशस और भारत की पुरानी सहभागिता रही है। भारत ने 2016 में मॉरिशस को विशेष इकोनॉमिक पैकेज दिया था।