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Indian Railways: महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में समस्या आई तो गुजरात में ही दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, जानें- रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने क्या कहा

रेल मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर महाराष्ट्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण में मदद नहीं की तो बुलेट ट्रेन दो फेज में नहीं चलेगी। पहले फेज में अहमदाबाद से वापी के बीच यह ट्रेन 325 किलोमीटर ट्रैक पर दौड़ाई जा सकती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 09:01 AM (IST)Updated: Sun, 27 Dec 2020 10:30 AM (IST)
Indian Railways: महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में समस्या आई तो गुजरात में ही दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, जानें- रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने क्या कहा
भारत में चलने वाली बुलेट ट्रेन की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार अब हर हाल में बुलेट ट्रेन को ट्रैक पर उतारने की कवायद में जुट गई है। अगर महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण की वजह से बाधा पहुंचती रही तो अहमदाबाद-मुंबई के बीच प्रस्तावित 508 किमी  के कोरिडोर पर यह ट्रेन गुजरात में ही चलेगी।

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रेल मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर महाराष्ट्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण में मदद नहीं की तो बुलेट ट्रेन दो फेज में नहीं चलेगी। पहले फेज में अहमदाबाद से वापी के बीच यह ट्रेन 325 किलोमीटर ट्रैक पर दौड़ाई जा सकती है। भूमि अधिग्रहण की मंजूरी मिली तो ही दूसरे फेज में वापी से बांद्रा तक बुलेट ट्रेन चलेगी।

रेलवे बोर्ड के सीईओ विनोद कुमार यादव ने बताया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन का 67 प्रतिशत हिस्सा मिला है। इसमें गुजरात में 956 हेक्टेयर में से 825 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। गुजरात में करीब 90 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण होने की वजह से टेंडर जारी कर जमीनी काम शुरू कर दिया गया है।

वैसे तो महाराष्ट्र सरकार ने चार महीने में भूमि के अधिग्रहण करने का भरोसा दिया है। महाराष्ट्र में 432 हेक्टेयर भूमि में से 97 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण ही हो सका है। जरूरी जमीन का यह केवल 22 प्रतिशत हिस्सा है। दादर और नगर हवेली में 8 हेक्टेयर भूमि में से सात हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है।

कोरोना महामारी के कारण हुए घाटे को ऐसे पूरा करेगा रेलवे

यादव ने साल के अंत में होने वाले संवाददाता सम्मेलन में  कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद रेलवे अपनी आमदनी से परिचालन व्यय को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि खर्च पर नियंत्रण के लिए किए गए उपायों और माल ढुलाई से होने वाली आमदनी से यात्री मद में हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी। कोरोना के कारण रेलवे को यात्रियों से होने वाली आय इस साल घटकर 87 फीसद घटकर सिर्फ 4,600 करोड़ रुपये रह गई जबकि पिछले साल यह 53,000 करोड़ रुपये थी।

यादव ने कहा कि रेलवे को उम्मीद है कि खाद्यान्न और उर्वरकों जैसी गैर-पारंपरिक वस्तुओं की ढुलाई में वृद्धि से आमदनी बढ़ेगी।उन्होंने कहा, रेलवे ने इस साल अब तक पिछले साल की तुलना में 12 फीसद कम खर्च किया है। हमने अपने खर्च पर नियंत्रण रखा और चूंकि कुछ ही ट्रेनें चल रही हैं, इसलिए हम ईंधन और अन्य मदों में बचत कर रहे हैं। कोरोना के बावजूद हम अपनी आमदनी से अपने परिचालन व्यय को पूरा करेंगे।


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