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उज्जवल भविष्य की अग्रदूत नारी शक्ति, महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने के लिए तीन योजनाओं को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव

Budget 2022 वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-2023 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस अमृतकाल के दौरान महिला आधारित विकास कार्यों को देखते हुए सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को पुनर्जीवित कर दिया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 06:44 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 06:44 PM (IST)
उज्जवल भविष्य की अग्रदूत नारी शक्ति, महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने के लिए तीन योजनाओं को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव
बच्चों को कुपोषण मुक्त करने में आंगनवाड़ी की बढ़ेगी भूमिका

माला दीक्षित, नई दिल्ली। मोदी सरकार मानती है कि किसी भी देश की प्रगति महिलाओं की सक्षम भागीदारी के बगैर नहीं हो सकती। सरकार ने नारी शक्ति को उज्जवल भविष्य के रूप में महत्व दिया है। महिलाओं एवं बच्चों को समेकित लाभ मुहैया कराने के लिए बजट में तीन योजनाओं मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। आजादी के 75 वर्ष यानी अमृत महोत्सव से आजादी के सौ साल यानी अमृतकाल तक पहुंचने के 25 वर्ष के लंबे अंतराल के दौरान नारी शक्ति की पहचान देश के उज्जवल भविष्य और महिलाओं के नेतृत्व में विकास के अग्रदूत के रूप में की गई है। इसके लिए सशक्त नारी और स्वस्थ बचपन जरूरी है।

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-2023 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस अमृतकाल के दौरान महिला आधारित विकास कार्यों को देखते हुए सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को पुनर्जीवित कर दिया है। महिलाओं और बच्चों को समेकित लाभ मिल सके इसके लिए तीन योजनाओं मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 को शुरु किया जाएगा और आगे बढ़ाया जाएगा।

दो लाख आंगनवाड़ियों को किया जाएगा अपग्रेडेड

वित्तमंत्री ने कहा कि सक्षम आंगनवाड़ियां नयी जनरेशन की आंगनवाड़ियां हैं जिनके पास बेहतर बुनियादी सुविधा और श्रव्य व आश्रय सहायता सामग्री मौजूद है और उनको स्वच्छ ऊर्जा से सम्पन्न भी किया गया है। उन्होंने कहा कि ये बच्चों के प्रारंभिक विकास के लिए उन्नत परिवेश प्रदान कर रही हैं। सक्षम आंगनवाड़ी योजना के तहत दो लाख आंगनवाड़ियों को अपग्रेडेड किया जाएगा। सरकार की इन घोषणाओं पर शीएटवर्क की सीईओ रूबी सिन्हा का कहना है कि दो लाख आंगनवाड़ी महिलाओं को बेहतर सुविधाओं के साथ अपग्रेड करने के फैसले का ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचे पर सकारात्मक असर होगा।

महिला कामगारों को भी होगा फायदा

इसी तरह डिजिटल इकोनोमी से जुड़ी महिला कामगारों को भी काफी फायदा होगा। वैसे इस बजट भाषण में बताई गई तीनों योजनाएं कोई नयी नहीं हैं सरकार ने महिलाओं और बच्चो के समेकित उत्थान और विकास के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की कल्याणकारी प्रमुख योजनाओं को तीन प्रमुख छत्रप योजनाओं मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति के अंतरगत पहले ही श्रेणीबद्ध कर दिया था।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आदि हैं शामिल

मिशन शक्ति महिलाओं के संरक्षण और सशक्तीकरण का मिशन है जिसमें संबल (एक स्टे केंद्र, महिला पुलिस स्वयं सेवक, महिला हेल्पलाइन, स्वाधार, उज्जवला, विधवा आश्रय स्थल आदि), सामर्थय (बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, क्रेच, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, लैंगिक बजट बनाना शोध) योजनाएं शामिल हैं। पिछले बजट में इसके लिए 3109 करोड़ का बजट रखा गया था।

मिशन वात्सल्य में बाल संरक्षण और बाल कल्याण योजनाएं शामिल हैं। पिछले बजट में इसके लिए 900 करोड़ का बजट रखा गया था। सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 में आईसीडीएस आंगनवाड़ी सेवाएं, पोषण अभियान, किशोरियों के लिए योजनाएं, राष्ट्रीय शिशुग्रह (क्रेच) योजना शामिल है जिसके लिए पिछले वर्ष 20105 करोड़ा का बजट रखा गया था। 


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