Move to Jagran APP

गुना में जमीन कब्जाने वाला बसपा का पूर्व पार्षद को किया गया जिलाबदर

मध्‍य प्रदेश के गुना के जगनपुर चक में सरकारी जमीन पर 30 वर्ष से कब्जा जमाए रखने वाले बसपा के पूर्व पार्षद गब्बू पारदी को जिलाबदर कर दिया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:15 AM (IST)
गुना में जमीन कब्जाने वाला बसपा का पूर्व पार्षद को किया गया जिलाबदर
गुना में जमीन कब्जाने वाला बसपा का पूर्व पार्षद को किया गया जिलाबदर

गुना, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्‍य प्रदेश के गुना जला प्रशासन ने जगनपुर चक में सरकारी जमीन पर 30 वर्ष से कब्जा जमाए रखने के मामले में कड़ी कार्रवाई की है। जिला प्रशासन ने बसपा के पूर्व पार्षद गब्बू पारदी को जिलाबदर कर दिया गया है। गुना के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने यह आदेश बुधवार को जारी किया। 55 साल का गब्बू पारदी पुत्र गल्या पारदी, निवासी हड्डी मिल थाना कोतवाली गुना को गुना एवं उसके आसपास के जिलों भोपाल, शिवपुरी, राजगढ़, अशोकनगर और विदिशा की सीमा के भीतर से 24 घंटे भीतर एक वर्ष के लिए बाहर चले जाने के आदेश दिया गया है।

loksabha election banner

पुलिस की पिटाई से मचा बवाल 

गब्बू पारदी ने गुना में लगभग 50 करोड़ रुपये कीमत की कब्जा की गई इस 45 बीघा सरकारी जमीन को गरीब किसान राजू अहिरवार को बटाई पर दे दी थी। पिछले 30 वर्षों से बसपा की पूर्व पार्षद नागकन्या एवं उनके पति गब्बू पारदी ने कब्जा कर रखा है। सियासी रसूख के कारण नागकन्या को लंबे समय से प्रशासन बेदखल नहीं कर पा रहा था। यह जमीन शासन ने कॉलेज निर्माण के लिए आरक्षित की है। एक सप्ताह पूर्व जमीन से कब्जा हटाने गई पुलिस ने सामने आए राजू व उसके स्वजनों की निर्ममता से पिटाई कर दी थी।

कांग्रेस सहित विपक्ष ने राजू की पिटाई को अनुसूचित जाति उत्पीड़न बताते हुए तूल दे दिया। इस मामले में राज्य सरकार तत्कालीन कलेक्टर व एसपी को हटा चुकी है। गब्बू और इसकी पत्नी नागकन्या दोनों ही एक-एक बार बसपा से पार्षद रह चुके हैं। गब्बू का आपराधिक रिकॉर्ड उजागर करते हुए पुलिस ने इसके खिलाफ 16 आपराधिक मामले दर्ज होना बताया है, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास समेत अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। हालांकि गब्बू ने इनमें से ज्यादातर अपराध में खुद के बरी होने की बात कही थी।

पिछले भी पुलिस ने की कब्‍जा हटाने की कोशिश  

ज्ञात रहे कि पिछले साल दिसंबर में भी गुना जिला प्रशासन ने जमीन से कब्जा हटाने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई। तब पुलिस ने खड़ी फसल को कुचल दिया। तब भी राजू के पास ही बटाई पर यह जमीन थी। फसल नष्ट हो गई, जिससे राजू को करीब तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ। उसने दोबारा इस जमीन में सोयाबीन आदि की बुआई कर दी। इस उम्मीद के साथ कि अच्छी पैदावार होने पर कर्जा चुकाकर विवादित जगह को छोड़ दूंगा, लेकिन 14 जुलाई को जब प्रशासनिक टीम कार्रवाई के लिए पहुंची, तो दोबारा नुकसान होता देख राजू व उसके परिवार ने आत्महत्या का रास्ता अपना लिया। खास बात तो यह है कि इस पूरे घटनाक्रम से गब्बू पारदी और नागकन्या दूर ही रहे। 

पार्षद पति 80 बीघा जमीन का मालिक, आलीशान मकान

वर्ष 2009-13 के बीच गुना के वार्ड 23 से नागकन्या बसपा पार्षद रही हैं। इस घटनाक्रम के बाद हटाए गए गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन का कहना है कि गब्बू पारदी भू-माफिया की श्रेणी में आता है, वह विवाद के समय मौके से गायब हो गया था। उसके नाम पर सरकारी रिकॉर्ड में 80 बीघा से अधिक जमीन है। दो से तीन बीघा में उसका आलीशान मकान बना रखा है। वह करीब 50 करोड़ रुपये कीमत की उक्त जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.