'आपरेशन अर्जुन' से वार्ता के लिए बाध्य हुआ पाकिस्तान
इस अभियान से पहले बीएसएफ ने 'आपरेशन रुस्तम' भी सफलता पूर्वक चलाया था।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पाकिस्तान सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 'आपरेशन अर्जुन' ने पाकिस्तानी रेंजरों को शांतिपूर्ण समाधान के लिए बाध्य किया। यह जानकारी रक्षा अधिकारियों ने दी है। पाकिस्तानी गोलीबारी में 25 अगस्त को बीएसएफ की 192वीं बटालियन के जम्मू सेक्टर के बधवार सीमा चौकी पर तैनात कांस्टेबल केके अप्पा राव शहीद हो गए थे। इसके बाद यह अभियान शुरू किया गया था।
एक सरकारी दस्तावेज के मुताबिक, 'आपरेशन अर्जुन' 24 सितंबर तक जारी रहा। अभियान के तहत आइएसआइ अधिकारियों और पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों के फार्म और आवासों को निशाना बनाया गया। बीएसएफ ने छोटे और मध्यम श्रेणी के हथियारों का इस्तेमाल किया। इस अभियान से पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर तबाही का सामना करना पड़ा। जवाब में पाकिस्तान ने अखनूर, जम्मू और सांबा सेक्टरों में फायरिंग शुरू की। पाकिस्तान ने बीएसएफ की चौकियों और नागरिकों को निशाना बनाया।
एक माह चले अभियान में सात रेंजर ढेर
25 अगस्त से 24 सितंबर तक चले 'आपरेशन अर्जुन' में सात पाकिस्तानी रेंजर, आतंकी घुसपैठिए और 11 नागरिक मारे गए। कम से कम 35 पाकिस्तानी रेंजर घायल भी हुए। पाकिस्तानी रेंजरों की फायरिंग में बीएसएफ का एक जवान शहीद हुआ और एक नागरिक भी मारा गया। इसके अलवा बीएसएफ के छह जवान और 16 नागरिक घायल हुए।
द्विवार्षिक बातचीत के लिए रेंजरों ने किया आग्रह
'आपरेशन अर्जुन' से स्थिति में नाटकीय बदलाव आया। पाकिस्तानी रेंजर ने संघर्ष टालने के लिए महानिदेशक स्तर पर द्विवार्षिक बातचीत के लिए आग्रह किया। इस अभियान से पहले बीएसएफ ने 'आपरेशन रुस्तम' भी सफलता पूर्वक चलाया था। बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजरों को अपनी बंदूक को विश्राम देने के लिए मजबूर किया। बाध्य होकर पाकिस्तानी रेंजर के महानिदेशक ने बीएसएफ प्रमुख केके शर्मा से नई दिल्ली में डीजी स्तर की वार्ता के लिए हामी भरी।
एक साल बाद शुरू हुई वार्ता
एक साल के अंतर के बाद दोनों पक्षों के बीच आठ नवंबर से तीन दिवसीय वार्ता शुरू हुई। शर्मा ने कहा कि केवल पिछले एक वर्ष के दौरान पाकिस्तानी बल ने 1,020 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है।
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