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गणतंत्र दिवस पर बीएसएफ और पाक रेंजर्स ने किया मिठाइयों का आदान-प्रदान, जानें कब से निभाई जा रहीं ये रस्में

सीमा सुरक्षा बल और पाक रेंजर्स ने बुधवार को भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक-दूसरे को मिठाइयां भेंट की। कोविड महामारी के कारण अटारी-वाघा बार्डर पर ध्वजारोहण समारोह या बीटिंग रिट्रीट सीमा समारोह को निलंबित किया गया है।

By Geetika SharmaEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 04:41 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 04:49 PM (IST)
गणतंत्र दिवस पर बीएसएफ और पाक रेंजर्स ने किया मिठाइयों का आदान-प्रदान, जानें कब से निभाई जा रहीं ये रस्में
गणतंत्र दिवस के अवसर पर बीएसएफ ने पाक रेंजर्स को अटारी-वाघा बार्डर पर भेंट की मिठाईयां

 नई दिल्ली,आइएएनएस। सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तानी समकक्ष पाक रेंजर्स ने बुधवार को भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक-दूसरे को मिठाइयां भेंट की। बीएसएफ और पाक रेंजर्स के अधिकारियों ने भी एक दूसरे को मिठाइयां भेंट की। आपको बता दें कि पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते दोनों देशों के बीच की सीमाओं पर मिठाईयों के आदान-प्रदान पर रोक लगाई थी जबकि इससे पहले 2018 में बीएसएफ ने 26 जनवरी को नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के चलते इस परंपरा को छोड़ दिया था।

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पिछले 5 सालों बाद भेंट की दोनों ने एक-दूसरे को मिठाईयां

इसके बाद 2019 में भी भारत और पाकिस्तान के दोनों सीमा रक्षक बलों ने अटारी-वाघा सीमा पर ईद के अवसर पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान नहीं किया था। पाकिस्तान ने भारत सरकार की ओर से जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद सीमा पर मित्रवत इशारे को छोड़ने का फैसला किया था। वहीं, अक्टूबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के कारण बीएसएफ ने पाकिस्तान रेंजर्स को मिठाई की पेशकश नहीं की थी। आपको बता दें कि कोविड महामारी के कारण अटारी-वाघा बार्डर पर ध्वजारोहण समारोह या बीटिंग रिट्रीट सीमा समारोह को निलंबित किया गया है। सीमा पर 1959 से 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह मनाया जाता है।

अटारी-वाघा बार्डर पर क्या है खास

आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीटिंग रिट्रीट और चेंज आफ गार्ड की धूमधाम और समारोह भारतीय और पाकिस्तानी सेना के हाथ मिलाने की दूरी के बीच होता है। वाघा, अमृतसर और लाहौर के बीच भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक सेना चौकी है, जो दोनों तरफ इमारतों, सड़कों और बाधाओं का एक विस्तृत परिसर है। दोनों देशों के सैनिक अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज को नीचे लाने के चरणों के माध्यम से एक ड्रिल में मार्च करते हैं। इसी तरह की परेड फाजिल्का के पास महावीर / सादकी सीमा और फिरोजपुर के पास हुसैनीवाला / गंडा सिंह वाला सीमा पर आयोजित की जाती हैं।


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