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पाकिस्तानी घुसपैठियों की खैर नहीं; BSF ने तैयार किया ये खास प्लान, दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब

सीमा सुरक्षा बल के सुदर्शन नामक इस अभियान के अंतर्गत एक हजार किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील किया गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 09:05 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 09:05 PM (IST)
पाकिस्तानी घुसपैठियों की खैर नहीं; BSF ने तैयार किया ये खास प्लान, दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब
पाकिस्तानी घुसपैठियों की खैर नहीं; BSF ने तैयार किया ये खास प्लान, दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब

नई दिल्ली, प्रेट्र। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब और जम्मू में पाकिस्तानी सीमा पर घुसपैठरोधी कार्रवाई को मजबूती प्रदान करने के लिए बड़े अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत सीमा पर तैनात बीएसएफ के काबिल अधिकारियों, हजारों टुकडि़यों और मशीनरी को सक्रिय किया गया है।

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एक जुलाई को शुरू किए गए 'सुदर्शन' नामक इस अभियान के अंतर्गत एक हजार किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील किया गया है। 485 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा जम्मू से लगी है, जबकि 553 किलोमीटर लंबी पंजाब से। आगे यह सीमा भारत के पश्चिमी राज्यों पंजाब व गुजरात में चली जाती है।

सुरक्षा बल के आला सूत्रों ने बताया कि अभियान में भारी मशीनरी, संवाद पकड़ने वाले उपकरण और मोबाइल बुलेटप्रूफ बंकर को शामिल किया गया है। हजारों बीएसएफ कर्मी भी इससे जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि बीएसएफ की करीब 40 बटालियनों के फ्रंटियर और बटालियन कमांडर (महानिरीक्षक से कमांडेंट रैंक), उनके सेकेंड इन कमांड और कंपनी (टुकड़ी) कमांडर दोनों राज्यों में अभियान के लिए करीब एक पखवाड़े तक कैंप करेंगे। वे 15 जुलाई तक अपने बेस में लौट जाएंगे।

आतंकवादियों की घुसपैठ, नशीले पदार्थों की खेप भेजने पर अंकुश लगाने और पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के की गई गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सीमाओं को सील करने का फैसला लिया गया है। इसके मद्देनजर इन सीमाओं पर कार्रवाई के लिए भारतीय रक्षा पोजीशन एवं ठिकानों को मजबूत किया जा रहा है।

आधिकरिक सूत्रों ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के 'सुदर्शन चक्र' के नाम पर इस बड़े अभियान का नामकरण किया गया है। इसका मकसद दुश्मन का सफाया करते हुए तुरंत अपनी जगह लौटना है। बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्र और अन्य वरिष्ठ अधिकारी अभियान के खत्म होने के बाद 'हासिल परिणाम' की समीक्षा करेंगे। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय अभियान की अंतिम रिपोर्ट पर गौर करेगा। इसके तहत इन दोनों सीमाओं पर सीमा प्रबंधन को मजबूत करने और अंतर को पाटने के लिए जरूरी उपकरण, औजार खरीदने और आधारभूत संरचना आदि का आवंटन किया जाएगा।


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