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BRICS Meeting: एस जयशंकर का होगा चीन के विदेश मंत्री से आमना-सामना, ये होंगे बैठक के मुद्दे

ब्रिक्‍स बैठक की आज विदेश मंंत्री एस जयशंकर अगुआई करेंगे। वर्चुअल तौर पर होने वाली इस बैठक में कई सारे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसमें से एक आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सहयोग जैसे कुछ दूसरे मुद्दे भी शामिल है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 08:08 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 08:17 AM (IST)
BRICS Meeting: एस जयशंकर का होगा चीन के विदेश मंत्री से आमना-सामना, ये होंगे बैठक के मुद्दे
ब्रिक्‍स बैठक की अगुआई करेंगे विदेश मंत्री जयशंकर

नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार से शुरू हो रही ब्रिक्‍स बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल हो रहे हैं। वर्चुअल तरीके से होने वाली ये बैठक अपने आप में बेहद खास है। इनके अलावा इस बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रांको फ्रांका, दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री ग्रेस नालेदी पैंडोर भी भाग लेंगे। ये बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत समेत दुनिया के लगभग सभी देश कोविड महामारी से जूझ रहे हैं। भारत की अगुआई में हो रही इस बैठक में भारत का रुख काफी दिलचस्‍प होगा, जिसपर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। आपको बता दें कि ब्रिक्‍स संगठन में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है।

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कोविड महामारी के बीच होने वाली इस बैठक में भारत की प्राथमिकता महामारी पर देश और दुनिया में पूरी तरह से नियंत्रण पाना है। आपको बता दें कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हुई है। वहीं भारत उन देशों में शामिल रहा है जिसने वैक्‍सीन समेत अन्‍य चिकित्‍सीय सामग्री जरूरतमंद देशों को उपलब्‍ध करवाई है। ब्राजील इनमें से ही एक देश है। वहीं रूस ने वैक्‍सीनेशन के लिए अपनी स्‍पूतनिक वी को भारत भेजकर दोस्‍ती का फर्ज अदा किया है।

ब्रिक्‍स विदेश मंत्रियों की ये बैठक इसलिए भी खास हो गई है क्‍योंकि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर अब तक संशय बरकरार है। जानकारी के मुताबिक चीन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास गतिविधियां तेज कर रहा है। वहीं कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अमेरिका लगातार इस बात का दबाव बना रहा है कि इसकी जांच और गहराई से की जानी चाहिए। कई देश अमेरिका के इस पक्ष का साथ दे रहे हैं। भारत की तरफ से भी ये कहा जा चुका है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को वायरस की उत्पत्ति की जांच नए सिरे से करनी चाहिए।

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में इस बात का संकेत दिया गया है कि वो अपनी तरफ से इस बैठक में मौजूदा वैश्विक बहुराष्ट्रीय मंचों में सुधार का मुद्दा उठाएगा। इसमें ये भ्‍कहा गया है कि इस बैठक में सभी मंत्री गण वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए बहुदेशीय व्यवस्था में बदलाव करने और क्षमता को बढ़ाने पर भी विचार करेंगे। इसके अलावा विकास के सतत मुद्दे, आतंकवाद और सदस्‍य देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना भी इसका ही एक हिस्‍सा होगा।


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