स्तनपान से मजबूत होगी शिशु की इम्युनिटी, इन बातों का रखें ख्याल; पढ़े एक्सपर्ट की राय
गायनकोलॉजिस्ट प्रियंका भार्गव ने बताया कि मां या शिशु में से कोई कोरोना संक्रमित है तो भी शिशु को सावधानीपूर्वक स्तनपान कराया जा सकता है...
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हालांकि यह सुखद है कि अभी शिशु और बच्चे इसके प्रकोप से काफी हद तक सुरक्षित हैं। शिशु के लिए मां का दूध संपूर्ण आहार होता है इसलिए चिकित्सक मां को कम से 6 माह तक शिशु को स्तनपान करवाने की सलाह देते हैं। जानें क्या कहती है गायनकोलॉजिस्ट प्रियंका भार्गव।
मां के दूध में प्राकृतिक रूप से ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शिशु के लिए सिर्फ आहार ही नहीं बल्कि शरीर के विकास के साथ ही रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते है। अभी तक किसी भी शोध में यह साबित नहीं हुआ है कि मां के स्तनपान कराने से शिशु में वायरस का संक्रमण हुआ हो।
यदि मां कोरोना संक्रमित है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। मां सावधानीपूर्वक अपने शिशु को स्तनपान करा सकती है। इससे शिशु को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। अगर शिशु भी संक्रमित है तो भी मां उसे जरूर स्तनपान कराए, क्योंकि यह शिशु के लिए बहुत ही जरूरी होगा और रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करेगा।
जरूर अपनाएं ये सावधानियां
कोरोना संक्रमण से बचने का कारगर उपाय स्वच्छता है, इसलिए मां जब भी शिशु को स्तनपान कराए तो इन बातों का ध्यान जरूर रखे:
- शिशु के कपड़े अलग रखें
- मास्क का प्रयोग जरूर करें
- अपनी व आस-पास की सफाई का ध्यान रखें
- यदि आप संक्रमित हैं तो शिशु से दूरी बनाकर रखें
- साबुन या सेनिटाइजर से हाथ धोने के बाद ही शिशु को उठाएं
- स्तनपान कराने के बाद शिशु का चेहरा टिशू पेपर से साफ करें
शिशु को कम से कम 6 माह से 1 वर्ष तक मां का दूध मिलना चाहिए। हर मां को चाहिए कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखे और संतुलित आहार का सेवन करे, जिससे शरीर में शिशु के लिए पर्याप्त दूध बन सके। चार माह तक स्तनपान कराने के बाद बच्चे को दिन में एक-दो बार दाल का पानी, मसला केला, खिचड़ी का घोल आदि देना शुरू कर करें। इससे उसे स्वाद की समझ आएगी।
मां के दूध में शिशु के लिए प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिंस, आयरन, पानी और एंजाइम मौजूद होते हैं। मां के दूध में बनने वाली एंटीबॉडीज शिशु को हर तरह के खतरे से बचाती हैं। शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि जो मां शिशु को स्तनपान कराती है, उनमें स्तन कैंसर या स्तन से जुड़ी अन्य बीमारियों व हार्मोनल बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।