मेडिकल जर्नल लैंसेट और पीएलए से जुड़े विज्ञानियों की साठगांठ पर बह्मा चेलानी ने उठाए सवाल, पीएम मोदी पर साधा था निशाना
सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने मेडिकल जर्नल लैंसेट और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के विज्ञानियों के बीच साठगांठ पर सवाल उठाए हैं। लैंसेट ने हाल में अपने संपादकीय में स्वप्रेरित राष्ट्रीय आपदा की अध्यक्षता करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने मेडिकल जर्नल लैंसेट और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के विज्ञानियों के बीच साठगांठ पर सवाल उठाए हैं। लैंसेट ने हाल में अपने संपादकीय में स्वप्रेरित राष्ट्रीय आपदा की अध्यक्षता करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था।
The Lancet's ties to PLA-linked scientists may explain why early on it published letter clearing Wuhan lab of blame. It was instrumental in discrediting hydroxychloroquine for Covid treatment by publishing a fake study, which it later retracted after destroying confidence in HCQ. pic.twitter.com/tmZcSgDRsj
— Brahma Chellaney (@Chellaney) June 7, 2021
एक ट्वीट में चेलानी ने कहा, 'लैंसेट और पीएलए से जुड़े विज्ञानियों के बीच साठगांठ बता सकती है कि क्यों जल्दबाजी में वुहान की लैब को दोषमुक्त करने संबंधी पत्र प्रकाशित किया गया। एक फर्जी अध्ययन प्रकाशित करके कोरोना के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) को बदनाम किया गया जिसे एचसीक्यू में विश्वास भंग करने के बाद वापस ले लिया गया।'
मेडिकल जर्नल ने अपने संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी पर साधा था निशाना
चेलानी ने ट्वीट में कहा, 'अभी हाल में लैंसेट ने एक बेहद राजनीतिक संपादकीय प्रकाशित करके लोगों का गुस्सा और भड़का दिया था जिसमें आलोचना को दबाने के प्रयास और अन्य मुद्दों के लिए मोदी पर निशाना साधा गया था। इसमें एक अगस्त तक 10 लाख मौतों की चेतावनी भी दी गई थी। 'द इंस्टीट्यूट फार हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेल्यूशन का अनुमान है कि भारत में एक अगस्त तक कोरोना से करीब 10 लाख मौतें होंगी। अगर ऐसा हुआ तो मोदी सरकार स्वप्रेरित राष्ट्रीय आपदा की अध्यक्षता करने की जिम्मेदार होगी।
More recently, The Lancet raised more eyebrows by publishing a highly political editorial that attacked Modi, including for "attempting to stifle criticism." It warned of "a staggering 1 million deaths" by Aug. 1, with Modi "presiding over a self-inflicted national catastrophe."— Brahma Chellaney (@Chellaney) June 7, 2021
लैंसेट का अपने संपादकीय में कहना था कि भारत ने कोरोना नियंत्रित करने की अपनी शुरुआती सफलता को गंवा दिया। इस साल के अप्रैल तक सरकार के कोरोना कार्यदल ने महीनों तक बैठक नहीं की थी। उस फैसले के परिणाम हम सभी के सामने हैं। संकट बढ़ने के दौरान अब भारत को अपने कदमों को पुनर्व्यवस्थित करना चाहिए। उस प्रयास की सफलता सरकार पर निर्भर करेगी कि वह अपनी गलतियों को स्वीकार करे, जिम्मेदार नेतृत्व और पारदर्शिता प्रदान करे और विज्ञान आधारित एक सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था लागू करे।