दुष्कर्म और हत्या के दोषी नाबालिग पर 10 हजार का जुर्माना, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने सामुदायिक सेवा करने को कहा
महाराष्ट्र के एक किशोर न्याय बोर्ड ने पांच साल बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में नाबालिग पर 10 हजार का जुर्माना और सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है।
ठाणे, पीटीआइ। महाराष्ट्र में एक किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) ने पांच साल की चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के मामले में एक नाबालिग पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यही नहीं बोर्ड ने दोषी नाबालिग को सामुदायिक सेवा करने का भी आदेश दिया है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड भिवंडी के प्रमुख मजिस्ट्रेट एचवाई कावले (HY Kawale) ने 13 साल के नाबालिग को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 376 (दुष्कर्म), 364 (अपहरण और हत्या) एवं पोक्सो (POCSO Act) के तहत गुरुवार को दोषी ठहराया।
पुलिस ने बताया कि बच्ची पिछले साल 28 अक्टूबर से भिवंडी (Bhiwandi town) के सरवली गांव (Saravali village) स्थित अपने घर से लापता थी। पीड़िता के परिजनों ने जब उसको ढूंढना शुरू किया तो अगले दिन उसका शव एक पानी की पाइपलाइन के पास मिला। पुलिस के मुताबिक, बच्ची के अभिभावकों की शिकायत के आधार पर पीड़िता बच्ची के एक रिश्ते के भाई (victim's cousin) को हिरासत में लिया गया और संबंधित धाराओं के तहत उस पर केस दर्ज किया गया।
पुलिस उपायुक्त (Bhiwandi Zone II) राजकुमार शिंदे (Rajkumar Shinde) ने बताया कि पुलिस ने 50 दिन के भीतर ही Juvenile Justice Board में आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा कि तमाम सुबूतों के आधार पर पाया गया कि आरोपी ने जघन्य वारदात को अंजाम दिया है। ऐसे में दोषी पर केवल जुर्माना लगाकर उसको छोड़ा नहीं जा सकता है। दोषी किशोर को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों को समझने के लिए उसको सामुदायिक सेवा करनी होगी।