पूर्वोत्तर के दो राज्यों में सीमा संघर्ष 'मानवाधिकार का उल्लंघन', नोटिस जारी, चार हफ्ते में दें जबाव: एनएचआरसी
मिजोरम ने असम के पुलिसकर्मियों पर कथित चोरी का मुकदमा नहीं चलाने का फैसला किया है। असम की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव तथा असम व मिजोरम के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
गुवाहाटी, एजेंसी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( एनएचआरसी ) ने जुलाई में पूर्वोत्तर के दो राज्यों में सीमा को लेकर हुए भीषण संघर्ष को 'मानवाधिकार का घोर उल्लंघन' करार देते हुए केंद्र, असम तथा मिजोरम को नोटिस जारी किया है। उधर, मिजोरम ने असम के पुलिसकर्मियों पर कथित चोरी का मुकदमा नहीं चलाने का फैसला किया है। असम के इंजामुल हक की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव तथा असम व मिजोरम के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
मामले के तथ्य विचलित करने वाले हैं: एनएचआरसी
एनएचआरसी के अनुसार, 'मामले के तथ्य विचलित करने वाले हैं। शिकायत में लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, जिनमें सरकारी कर्मचारियों की मौत और घायल होने की बात शामिल है। इसलिए, यह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन माना जाएगा। इस प्रकार के मामलों के प्रति आयोग बहुत गंभीर है।'
मुकदमा वापस नहीं लिया जाएगा, लेकिन जांच नहीं होगी: मिजोरम
उधर, मिजोरम के कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक वी. राल्टे ने कहा, 'बाइराबी में निर्माण सामग्री मिजोरम पुलिस को सौंप दी गई है। मुकदमा तो वापस नहीं लिया जाएगा, लेकिन आरोपितों के खिलाफ आगे वैधानिक कार्रवाई या जांच नहीं की जाएगी।'
असम और मिजोरम में फिर बढ़ा तनाव, निर्माण सामग्री चुराने का आरोप
दोनों पड़ोसी राज्यों में शुक्रवार को एक बार फिर तनाव बढ़ गया था, जब मिजोरम सरकार ने असम के पुलिस अधिकारियों पर पुल निर्माण साइट से निर्माण सामग्री चुराने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
सीमा को लेकर हुए संघर्ष में 26 जुलाई को पांच पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी
उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई को असम व मिजोरम में सीमा को लेकर हुए संघर्ष में असम पुलिस के पांच जवानों और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए थे।