Move to Jagran APP

Book Review : 'भारत के जांबाज' पुस्तक में भारतीय सेना और शूरवीरों के अदम्य साहस की अनकही कहानियां

एक सैनिक की दुनिया में जिंदगी और मौत के बीच बहुत कम दूरी होती है। उसके लिए हर दिन ऐसा होता है जैसे वह मौत के हाथ से फिसल गया हो। वास्तव में कई बार तो सैनिक को पता भी नहीं चलता कि कब गोली उसे छूकर निकल गई है।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 10:09 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 10:09 AM (IST)
भारतीय सेना के शूरवीरों की शौर्य गाथा

अरुण सिंह। जब भी कोई सैनिक किसी सैन्य अभियान पर निकलता है तो उसे पता नहीं होता कि वह वापस लौटकर आएगा भी या नहीं। वह अपनी जान हथेली पर रखकर जाता है, लेकिन उसे अपनी मौत का जरा-सा भी खौफ नहीं होता। न ही उसके पास अपने परिवार या बच्चों के बारे में सोचने का वक्त होता है। वह तो बस, अपने अभियान की सफलता के बारे में ही सोचता है। कई सैन्य अभियानों का हिस्सा रहे सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ अपनी पुस्तक 'भारत के जांबाज' में भारतीय सेना और हमारे शूरवीरों के अदम्य साहस की अनकही कहानियां लेकर आए हैैं।

loksabha election banner

कमांडो इंस्ट्रक्टर रहे लेफ्टिनेंट जनरल दुआ ने बतौर कोर कमांडर वर्ष 2016 में गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई और उसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया। जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (सियाचिन) के आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञ के तौर पर उन्होंने अपने कार्यकाल में कश्मीर की बर्फीली पहाड़ियों से लेकर पूर्वोत्तर के घने जंगलों में कई सफल आपरेशन किए। इस पुस्तक में जान की बाजी लगाने वाले ऐसे ही अभियानों और साहसिक सर्जिकल स्ट्राइक की हैरतअंगेज कहानियां हैैं।

एक सैनिक की दुनिया में जिंदगी और मौत के बीच बहुत कम दूरी होती है। उसके लिए हर दिन ऐसा होता है, जैसे वह मौत के हाथ से फिसल गया हो। वास्तव में, कई बार तो सैनिक को पता भी नहीं चलता कि कब कोई गोली या ग्रेनेड उसे छूकर निकल गया है। अगर उसे यह पता चल भी जाता है तो वह बस, एक क्षण के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हुए अपनी लड़ाई जारी रखता है। राष्ट्रप्रेम की अलख जगाती यह पुस्तक भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस, अप्रतिम त्याग, समर्पण और अद्भुत जिजीविषा का सजीव वर्णन करती है।

एक सैनिक का जीवन कैसा होता है? जंग लड़ने वाले सैनिक कितने कठोर प्रशिक्षण से गुजरते हैैं? इसकी जानकारी देती यह पुस्तक पाठकों को भारतीय सेना और हमारे शूरवीर जवानों को बेहद करीब से जानने का मौका देती है। भारतीय सेना के प्रशंसकों के लिए यह उत्कृष्ट पुस्तक है।

पुस्तक : भारत के जांबाज

लेखक : लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ (सेवानिवृत्त)

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन

मूल्य : 500 रुपये


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.