Book Review: जीवन में शांति, संयम और सच को तलाशने के तरीके बताती 'कम होम टू योरसेल्फ'
साध्वी भगवती सरस्वती ने अपनी हालिया प्रकाशित किताब कम होम टू योरसेल्फ में जीवन के कई पहलुओं को समझाने का प्रयास किया है।
नई दिल्ली, ज्ञान-आलोक। हर किसी से आगे बढऩे की होड़ में खुद को पीछे छोड़ चुके इंसान की मनोवृत्ति कभी न कभी उसे भीतरी खोखलेपन का एहसास करा ही देती है। यह एहसास बेहद कष्टदायी होता है। जीवन में शांति, संयम और सबसे जरूरी भाग सच को उजागर करने के तरीके के बारे में बताने का प्रयास किया है साध्वी भगवती सरस्वती ने अपनी हालिया प्रकाशित किताब 'कम होम टू योरसेल्फ' में।
यह किताब बताती है कि दिन-प्रति-दिन बढ़ती अंदरूनी घुटन को कम करने का सबसे सही तरीका है कि हम अंदर पल रहे झूठ को खत्म कर उसे सच्चाई से बदल दें। नकली चेहरा, नकली व्यक्तित्व, अंहकार, क्रोध व किरदार में बनावट अंतत: खुद को ही दुख देती है। ऐसे में इन बुराइयों को त्यागकर अंर्तमन में मौजूद आलौकिक चमक को उजागर कर सकें तो यह कदम हमारे जीवन में खुशी, संतुष्टि और ऊर्जा का पथ प्रशस्त कर सकता है।
हर दिन गंगा आरती के बाद होने वाले सत्संग के दौरान साध्वी भगवती से पूछे गए सवाल और उनके जवाब इस किताब में मौजूद हैं। ये सिर्फ ज्ञान की बातें या सत्संग के दौरान की गईं चर्चाएं नहीं हैं जिन्हें अध्ययन मात्र करके यूं ही भुला दिया जाए। इन जवाबों में बड़े ही सहज व प्रयोगात्मक तरीके से यह बताया गया है कि मनुष्य को जीवन किस तरह जीना चाहिए।
किताब में मौजूद अंर्तमन का अंधेरा दूर करने वाले ये शब्द आपके अंदर से ही ऊर्जा व प्रकाश का स्रोत ढूंढ निकालेंगे। दिल, दिमाग और आत्मा का संतुलन बनाते हुए जीवन का उद्देश्य बताती यह किताब हर आयुवर्ग के लिए एक सच्चा आदर्श साबित हो सकती है। आज जब हर किसी के पास मन में सवाल अधिक मगर उनके जवाब ढूंढने के लिए समय की कमी है, ऐसे में साध्वी भगवती इस किताब के माध्यम से व्यक्ति को भावनात्मक व आध्यात्मिक रूप से जागृत करने का काम कर रही हैं। मनोविज्ञान से पीएच.डी. कर चुकीं अमेरिका में जन्मीं साध्वी भगवती की यह किताब गहराई तक जाकर, आपके भीतर आध्यात्मिकता को जागृत कर आपको खुद से मिलवा देगी। जो आपके बेहतर व्यक्तित्व के निर्माण में नींव का काम करेगी।
पुस्तक: 'कम होम टू योरसेल्फ'
लेखिका: साध्वी भगवती सरस्वती
प्रकाशन: पेंग्विन रेंडम हाउस इंडिया
पुस्तक के लिए लिंक
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