इराक से विशेष विमान से लाए जाएंगे भारतीयों के शव अवशेष
इराक के जिस हिस्से में ये शव मिले हैं वह आतंकी संगठन आइएस के कब्जे में था। आइएस को वहां से जून, 2017 में भगाया गया था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। इराक में मारे गये भारतीयों के शव अवशेष वापसी के लिए केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह विशेष विमान से जाएंगे। अभी तक की योजना यह है कि जनरल सिंह जिस जहाज से शव अवशेषों को लाएंगे उसे सबसे पहले अमृतसर लाया जाएगा और वहां 27 शव अवशेषों को उनके परिवार को सौंपा जाएगा। इसके बाद पटना (बिहार) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में वहां के नागरिकों के शव अवशेष सौंपे जाएंगे।
गौरतलब है कि बुधवार को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर मारे गये दो लोगों के परिजन उनके शव मिलने के इंतजार में थे। शहीद भगत सिंह नगर डीएम की तरफ से मंगलवार रात को ही यह आदेश जारी किया गया है कि 10 बजे की फ्लाइट से परमिंदर सिंह और जसवीर सिंह के शव के अवशेष लाये जा रहे हैं। जबकि खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज स्पष्ट कर चुकी हैं कि इसमें चार पांच दिन का वक्त लगेगा, क्योंकि कुछ प्रक्रियाएं बाकी हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तरफ से इराक में अगवा भारतीयों की मौत पर विस्तृत बयान और प्रेस कांफ्रेंस के बावजूद इस पूरे प्रकरण से जुड़े कई ऐसे मुद्दे हैं जिनका जवाब नहीं मिल पाया है। मसलन, भारत सरकार को इनकी मौत के बारे में पहली बार ठोस जानकारी कब मिली? क्या आइएस की तरफ से भारतीय अधिकारियों से फिरौती लेने के लिए कभी संपर्क साधा किया गया था? इन भारतीयों की हत्या कब हुई? क्या इनके हत्यारों को कभी सजा भी दिलाई जा सकेगी? अगवा भारतीयों में से बच कर आये हरजीत मसीह के बातों पर क्यों भरोसा नहीं किया गया? विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी इनमें से अधिकांश सवालों का सीधा जवाब नहीं दिया।
इराक के जिस हिस्से में ये शव मिले हैं वह आतंकी संगठन आइएस के कब्जे में था। आइएस को वहां से जून, 2017 में भगाया गया था। उसके बाद ही भारत सरकार की पहुंच हो सकी। अगवा भारतीयों में से बच कर आये हरजीत मसीह की बातों पर भरोसे के बारे में स्वराज का कहना है कि सरकार बगैर ठोस सबूत के कोई दावा नहीं कर सकती। मसीह एक व्यक्ति है वह दावा कर सकता है कि किसी की हत्या हुई है लेकिन सरकार सबूत के आधार पर ही यह दावा कर सकती है।