12th Board Exam 2021: CBSE के बाद CISCE और ISC की 12वीं की परीक्षा रद, हरियाणा के बाद अन्य राज्य बोर्ड भी जल्द लेंगे फैसला
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद कर दिया गया है। सीबीएसई के बाद सीआइएससीई (CISCE) इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) बोर्ड परीक्षा ने कक्षा 12 की परीक्षा रद कर दी है।
नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद कर दिया गया है। सीबीएसई के बाद सीआइएससीई (CISCE), इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) बोर्ड परीक्षा ने कक्षा 12 की परीक्षा रद कर दी है। ज्ञात हो कि 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री के फैसले के बाद अन्य राज्यों की भी 12 वीं की बोर्ड परीक्षा को रद किए जाने की उम्मीद है।
इस बारे में भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) के अध्यक्ष डॉ जी इम्मानुएल ने कहा कि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) बोर्ड की 12 वीं की परीक्षा रद कर दी गई है। परिणामों को संकलित करने पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
Indian School Certificate (ISC) Board examinations (Class 12) have been cancelled. The final decision on compiling results is yet to be taken: Dr G Immanuel, Chairman, Council for the Indian School Certificate Examinations (CISCE) to ANI pic.twitter.com/1NACHGP9IR— ANI (@ANI) June 1, 2021
वहीं सीआइएससीई के बोर्ड सचिव गेरी अराथून ने कहा कि कोविड की स्थिति को देखते हुए कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद कर दी है।
CISCE cancels Class 12 board exams in view of COVID-19 situation: Board Secretary Gerry Arathoon to PTI— Press Trust of India (@PTI_News) June 1, 2021
यूपी बोर्ड की 12 वीं की बोर्ड परीक्षा रद होने के आसार
अब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की इंटरमीडिएट परीक्षा भी रद होने के पूरे आसार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस संबंध में बैठक करके निर्णय लेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड संक्रमण के दृष्टिगत सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा रद करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने सभी छात्रों व अभिभावकों की ओर से प्रधानमंत्री को आभार व्यक्त किया। सीएम योगी ने कहा कि यह निर्णय देश भर के छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
हरियाणा बोर्ड भी नहीं 12 वीं की परीक्षा
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भी इस बार बारहवीं की परीक्षा नहीं लेगा। हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हालात के मद्देनजर राज्य में बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद करने का फैसला किया है। विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के तरीके के बारे में हरियाणा सरकार जल्द फैसला करेगी। इसके साथ ही परीक्षा देने के इच्छुक विद्यार्थियों को इसका विकल्प दिया जाएगा और उनकी परीक्षाएं हालात ठीक होने पर लिया जाएगा।
12वीं कक्षा की सीबीएसई परीक्षा रद करने का फैसले पर पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारी प्राथमिकता है। उस पहलू पर कोई समझौता नहीं होगा। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चिंता खत्म होनी चाहिए। छात्रों को ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में परीक्षा देने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक तबीयत बिग़़डने के कारण बैठक में मौजूद नहीं हो सके। शिक्षा मंत्रालय को परीक्षाओं के बारे में अपने फैसले की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को तीन जून तक देनी है। केंद्र सरकार ने 31 मई को सुप्रीम कोर्ट से परीक्षाओं पर निर्णय लेने के लिए दो दिनों का समय मांगा था।
छात्रों को होगा बाद में परीक्षा देने का विकल्प : सरकार ने बयान जारी कर कहा कि पिछले साल की तरह यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा। कोरोना के कारण अनिश्चित परिस्थितियों और हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि इस वषर्ष कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।
परिणाम में उद्देश्य संकलित होंगे : सीबीएसई कक्षा 12 के छात्रों के परिणाम को समयबद्घ तरीके से अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंडों के अनुसार संकलित करने के लिए कदम उठाएगा।
10वीं की परीक्षा हो चुकी है रद : सीबीएसई ने 14 अप्रैल को कोरोना वायरस के मामलों में वृद्घि को देखते हुए कक्षा 10वीं की परीक्षा रद करने और कक्षा 12वीं की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी। शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस मुद्दे पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा किए गए प्रस्तावों पर विस्तृत सुझाव मांगे थे।